अक्सर चर्चाओं में रहने वाले विधायक जल्द मारेंगे पलटी… इस हलके में होंगे उपचुनाव! सरकार के शिकंजे से हाशिए पर राजनीतिक करियर

विधायक रमन अरोड़ा की उम्मीद आप का ये भूतपूर्व विधायक और बीजेपी नेता, अब खासमखास एटीपी पर कार्रवाई ने बढ़ा दी हलचल!

जालंधर (रोजाना भास्कर): हाशिए पर पहुंची इस विधायक का राजनीतिक सफर डांवांडोल है और कभी भी पार्टी बदली जाने की तैयारी है। अब खासमखास एटीपी पर भी विजिलेंस ने शिकंजा कस दिया है जिससे एक बात साफ है कि सेंट्रल हल्के में बहुत जल्द उपचुनाव हो सकते हैं!


राजनीति किसी की सगी नहीं होती यहां दुश्मनों की कमी नहीं होती लेकिन कुछ अपने काम भी करियर को हाशिए पर लाकर खड़ा कर देते हैं। दल-बदलने की तैयारी शुरू ही की थी कि सरकार ने जोर का झटका दिया और अब विधायक जी सिर्फ नाम के ही रह गए।

सरकार का विधायक हो और पूरी सिक्योरिटी छीन ली जाए ये राजनीतिक करियर पर प्रश्न चिन्ह है! बात जालंधर सेंट्रल से आप विधायक रमन अरोड़ा की कर रहे हैं जो बीते कल तक सरकार के विधायक लगते थे अब अलग-थलग नजर आ रहे हैं।

विधायक के खिलाफ पहले भी कई शिकायतें हुई थी और एक बड़े पुलिस अधिकारी के साथ विवाद भी चर्चा का विषय रहा था। फिर बात चली थी वह आप के भूतपूर्व विधायक और भाजपा नेता के संपर्क में आकर बीजेपी ज्वाइन करने की सोच रहे हैं और बैठक भी कर ली।

आम आदमी पार्टी और मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी दी गई जिसके बाद सिक्योरिटी वापस ले ली गई। साथी ही बंटाकर बेड़ा पार लगा दे तो ठीक है वरना परेशानियां कम नहीं होगी।
आम आदमी पार्टी में एक साथ ज्वाइन कर सफर की शुरुआत करने वाले दोनों नेताओं को कामयाबी मिली पर दल-बदलने का कीड़ा ले डूबा।

विधायक अरोड़ा की सिक्योरिटी का मुद्दा लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिरकार सरकार ने ऐसा क्यों किया। लेकिन विधायक ने ऐसा क्या किया जिससे सरकार को यह कदम उठाना पड़ा ये अभी खुलकर सामने नहीं आया है।

कई तरह की चर्चाएं लोगों में हो रही हैं कि पहली बार विधायक बनने के बाद एरिया में कुछ ऐसे काम हुए जिनका संबंध सीधे विधायक से रहा और कई बार नाम भी सामने आया जहां लोगों ने खरी-खोटी भी सुनाई, विधायक जी को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ा।

जब फाइल चंडीगढ़ पहुंची तो कुछ बड़े स्थानीय नेताओं की सिफारिश पर मामला दब गया था अब विधायक जी उन्हें डबल क्रॉस करने की कोशिश कर रहे थे। यही वजह है कि कल इतने बड़े फैसले के बाद किसी नेता ने कुछ भी नहीं कहा।

विधायक रमन अरोड़ा ने कहा कि उन्हें खुद नहीं पता कि सिक्योरिटी क्यों छीन ली गई लेकिन अंदरखाते क्या हुआ वो बात बाद में सामने जरूर आएगी?
तीन साल की पूरी की विधायकी हुई है और अपनी ही सरकार में ऐसी कार्रवाई ने बहुत से सवाल खड़े किए हैं जिनके जवाब आने वाले दिनों में मिलेंगे।