जालंधर। ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट ट्रैक पर बिना एप्लीकेंट के टेस्ट दिए लाइसेंस बनने का मामला लगातार पेचीदा होता जा रहा है। मंगलवार को सहायक आरटीओ विशाल गोयल ने अपनी जांच शुरू की। इस दौरान उन्होंने ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर करीब दो घंटे तक सहायक आरटीओ कमलेश कुमारी और मुलाजिम संदीप कुमार समेत राजेश्वर के साथ करीब दो घंटे सवाल-जवाब किए और जानकारी हासिल की। इसमें बताया कि किस तरह अप्रूवल हुई और मुलाजिम की गैर मौजूदगी में आईडी किस मुलाजिम द्वारा चलाई गई।

इसके लिए किसने निर्देश दिए थे। इसके अलावा वीडियो रिकॉर्ड, लाइसेंस की पूरी जानकारी हासिल करने के लिए हेड ऑफिस को पत्र लिखा गया है। लेकिन यह मामला लगातार पेचीदा बनता जा रहा है, जिसमें कई एजेंट से लेकर मुलाजिम और अधिकारियों पर शक की सूई जा रही है।
हालांकि आरटीओ अमनपाल सिंह ने एक दिन में इंक्वायरी करने का समय दिया गया था लेकिन तकनीकी रूप से जो चीजें इस जांच को पूरा करेंगी उसे हेड ऑफिस में मिलने पर समय लगेगा। बुधवार को सरकारी छुट्टी रहेगी। अब इस मामले में जांच वीरवार को ही आगे बढ़ पाएगी।
पक्का बाग में एप्लीकेंट के घर पहुंचे एआरटीओ, मां के बयान दर्ज हुए
मंगलवार को एटीओ विशाल गोयल पक्का बाग में एप्लीकेंट के घर पहुंचे। उसकी मां से बात करते हुए बयान दर्ज किए गए, जिसमें पता चला कि एप्लीकेंट इसी साल मार्च महीने यूरोप में स्टडी वीजा पर गया है। लेकिन लाइसेंस को लेकर उसे कोई नॉलेज नहीं है। बड़े बेटे के साथ फोन पर संपर्क कर लाइसेंस के बारे में पूछा तो उसने भी कोई तसल्ली बख्श जवाब नहीं दिया और कहा कि वह कैटरिंग का काम करता है और 7 नवंबर तक वयस्तता है। इसके अलावा जानकारी के अनुसार, एटीओ कमलेश कुमारी की तरफ से दूसरा नोटिस भी एप्लीकेंट के घर डाक के माध्यम से भेजा गया है।
एटीओ के खिलाफ जांच एटीओ को सौंपना गलतः शिकायतकर्ता
लाइसेंस मामले को लेकर पेंच फंसता जा रहा है। इस लाइसेंस को लेकर शिकायतकर्ता संजय सहगल की तरफ से कई सवाल खड़े किए गए हैं। शिकायतकर्ता ने इस सारे मामले में एक आईएएस या पीसीएस स्तर का अधिकारी जांच करे क्योंकि एटीओ के खिलाफ शिकायत की जांच एटीओ को ही सौंपी गई है जो गलत है। उन्होंने कहा कि इस सारे मामले में जालंधर का स्तर गिरा है। अधिकारी ट्रैक की व्यववस्था को दुरुस्त करने में पुरी तरह से फेल साबित हुए है। जबकि इस मामले में अब तक कोई कारवाई ना होना भी सवाल खड़े कर रहा है।
ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक की वीडियो डिलीट, अब हेड ऑफिस एनआईसी से मांगेगा रिकॉर्ड
आरटीओ कार्यालय से हेड ऑफिस चंडीगढ़ को पत्र लिखते हुए पीबी0820250008059 की पूरी डिटेल जिसमें एप्लीकेंट की तरफ से कितनी बार लर्निंग लाइसेंस बनाया या रिन्यू करवाया है। किस मुलाजिम या अधिकारी की आईडी से कब-कब इस लाइसेंस संबंधी कोई अप्रूवल की गई है।
पहली अपॉइंटमेंट कब ली गई और उसे रिशेड्यूल कब और किस आईडी से करवाया गया है। इसके अलावा सबसे अहम है कि किस आईपी एड्रेस की जानकारी भी ली गई है कि किस ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर यह लाइसेंस बना है। जांच में यह भी चेक किया जा रहा है कि कहीं दूसरे ट्रैक पर आईडी खोलते हुए लाइसेंस को अप्रूवल न दी गई हो?
ट्रैक पर सिर्फ 15 दिन की रिकॉर्डिंग सीसीटीवी की होती है। पुरानी सारी रिकॉर्डिंग डिलीट हो चुकी है और ट्रैक पर सिर्फ 21 अक्टूबर का डाटा दिख रहा है। अब हैड आफिस एनआईसी से यह रिकार्ड मुहैया करवाएगा।














