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न्यूटन के थर्ड लॉ में संशोधन संभव

धर्मशाला. न्यूटन की गति के तीसरे नियम के अनुसार हर क्रिया के समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती हैÓ। 333 वर्षों के बाद भी इस नियम को पूरी तरह समझा नहीं गया। जब कोई गेंद फर्श पर गिरती है तो वह टकराने के बाद प्रतिक्रिया के रूप में ऊपर उठती है। अजय शर्मा के अनुसार क्रिया, प्रतिक्रिया के बराबर कम या ज्यादा भी हो सकती है। इसका कारण यह है कि न्यूटन का नियम वस्तु के आकार और संरचना की अनदेखी करता है। इस सच्चाई को वैज्ञानिकों ने आज तक अनदेखा किया है। यह अजय की शोध से स्पष्ट है।

वैज्ञानिकों की लिखित रूप में राय:

  • अमेरिकन एसोशिएसन ऑफ फिजिक्स टीचर्ज के प्रैजीडेंट प्रो. गौरडन रामसे ने अपनी 22 अगस्त 2018 की रिपोर्ट में लिखा कि अजय के सुझाए प्रयोगों से न्यूटन की गति का तीसरा नियम गलत साबित हो सकता है।
  • स्प्रिंगर के जनरल ‘फाउडेशन ऑफ फिजिक्सÓ के जनरल के फ्रांसीसी एडिटर-इन-चीफ प्रौफेसर कारलो रोबैली ने 10 जून 2018 की रिपोर्ट में लिखा कि अजय के प्रयोगों से न्यूटन के नियम की सम्भावित खामी दर्शायी जा सकती है।
  • 105वीं इंडियन सांइस कांग्रेस 2018 के फिजिक्स सांइसिस के एडिटर ने भी अजय की शोध को प्रोसीडिंग्ज में प्रकाशित किया।
  • 4 दिसम्बर 2018 को इंडियन अकादमी ऑफ सांइसिज के जरनल रेजोनेंस के एडिटर ने लिखा कि अजय का कथन सही है कि न्यूटन के नियम को प्रयोग द्वारा परिमाणात्मक तौर सिद्ध करना आवश्यक है।

सरकार व प्रशासन से मदद की उम्मीद

वाशिगटन कान्फ्रैंस में अजय की प्रेजेंटेशन के दौरान एक अमरीकी वैज्ञानिक ने कहा कि यदि अजय शर्मा प्रयोगों द्वारा न्यूटन की खामी को सिद्ध कर देते हैं तो भारत नोबेल प्राईज का हकदार होगा। इन प्रयोगों पर लगभग 8-10 लाख रूपये खर्च होंगे। अजय शर्मा ने माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी साइंस एड टैक्नालॉजी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर एव शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज से प्रयोगों की सुविधाओं की प्रार्थना की।

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