नई दिल्ली. एक तरफ वाघा सीमा पर हाथों में तिरंगा लिए उत्साहित लोग बहादुर विंग कमांडर अभिनंदन के स्वागत में खड़े हैं, वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र के नासिक में तिरंगे में लिपटी शहीद स्क्वाड्रन लीडर निनाद मांडवगणे की पार्थिव देह नासिक पहुंची। वहां का माहौल पूरी तरह गमगीन है।
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जम्मू के वडगाम इलाके में बुधवार सुबह 10 बज कर 10 मिनट पर भारतीय वायुसेना का हेलीकॉप्ट ‘एमआई-17’ हादसे का शिकार हो गया था और इसमें दो पायलट शहीद हो गए थे। इनमें एक निनाद भी थे। निनाद के परिवार में पत्नी के अलावा दो साल की मासूम बच्ची भी है। देर रात विशेष विमान से उनका पार्थिव शरीर नासिक एयरपोर्ट पहुंचा और शुक्रवार सुबह 8 बजे एयर ऑफिसर कमांडिंग समीर बोराडे ने शव परिजनों को सौंपा।
शहीद निनाद की पत्नी विजेता ने कहा कि मैं एक सैनिक की पत्नी हूं। उन्होंने कहा कि मेरी दो साल की बेटी है, बड़ी होकर अगर वो सेना में जाना चाहेगी तो मैं उसे नहीं रोकूंगी। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर राजनीति करते हुए युद्ध करना बहुत आसान है, लेकिन युद्ध आसान नहीं है। इससे होने वाले नुकसान के बारे में एक शहीद का परिवार ही जान सकता है।