मोगा/चंडीगढ़, रोजाना भास्कर (हरीश शर्मा): आए दिन ऑनलाइन ठगी के मामले सामने आते रहते हैं, लेकिन इस बार जो मामला सामने आया है, उसने सभी को हैरान कर दिया। मोगा के बोहना चौक स्थित रहने वाले अजमेर सिंह, जो मज़दूरी करके अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं, उन्हें GST विभाग की ओर से 35 करोड़ रुपये जमा करने का नोटिस भेजा गया।

नोटिस देखकर अजमेर सिंह के पैरों तले ज़मीन खिसक गई। उन्हें समझ ही नहीं आया कि इतना बड़ा नोटिस क्यों भेजा गया। आपको बतादे साल 2022 में भी अजमेर सिंह को 21 लाख की नोटिस आया था तब भी उन्होंने जीएसटी विभाग के दफ्तर जाकर जांच की मांग की थी पर विभाग ने कोई करवाई नहीं किया दुबारा 35 करोड़ रुपए का नोट्स भेज दिया।
इस बार नोटिस मिलने के बाद जब वह स्पष्टीकरण लेने के लिए लुधियाना GST दफ़्तर पहुँचे तो वहाँ पता चला कि उनके नाम से किसी ने फर्जी तरीके से CEE KAY INTERNATIONAL नाम के एक कंपनी रजिस्टर्ड करवाई है, जो कि लुधियाना के गिल रोड स्थित इंडस्ट्रियल एरिया में हे कंपनी ने आधार कार्ड और पेन कार्ड का इस्तेमाल किया गया और उसी के आधार पर उनके नाम पर GST नंबर लेकर करोड़ों का लेनदेन किया गया है।
GST विभाग ने उन्हें थाने में शिकायत दर्ज करवाने की सलाह दी। इसके बाद अजमेर सिंह ने मोगा सिटी साउथ थाना पहुँचकर पुलिस में शिकायत दी और मांग की कि इस पूरे मामले की जांच की जाए और उन्हें न्याय दिलाया जाए।
अजमेर सिंह ने बताया कि वह मजदूरी करके अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। कभी काम मिलता है, कभी नहीं, लेकिन जब उन्हें 35 करोड़ रुपये का नोटिस मिला तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई।
उन्होंने बताया कि दो साल पहले भी 21 लाख रुपये का एक नोटिस आया था, लेकिन जब वे जीएसटी दफ्तर गए तो कोई कार्रवाई नहीं हुई। पर इस बार रकम इतनी बड़ी है कि वे समझ ही नहीं पा रहे हैं कि यह सब कैसे हो गया।
अजमेर सिंह के अनुसार, जब वे दोबारा जीएसटी कार्यालय पहुंचे तो पता चला कि किसी ने उनके नाम से CEE KAY INTERNATIONAL नाम की एक कंपनी रजिस्टर्ड करवाई है। यह कंपनी लुधियाना के गिल रोड स्थित इंडस्ट्रियल एरिया में दिखायी गई है।
कंपनी बनाने के लिए उनके आधार कार्ड और पैन कार्ड का इस्तेमाल किया गया और इसी आधार पर उनके नाम पर जीएसटी नंबर लेकर करोड़ों रुपये का लेनदेन किया गया।
अजमेर सिंह का कहना है कि कोरोना काल में किसी संस्था ने उन्हें राशन देने के लिए आधार कार्ड मांगा था, संभव है कि उसी समय उनकी जानकारी का गलत इस्तेमाल हुआ हो। उन्होंने बताया कि उनका तो कोई पैन कार्ड है ही नहीं, उन्होंने कभी बनवाया भी नहीं।
जीएसटी विभाग की ओर से उन्हें मोगा के थाने में शिकायत दर्ज कराने के लिए कहा गया। इस पर उन्होंने मोगा सिटी थाने में शिकायत दे दी है।
अजमेर सिंह ने इंसाफ की मांग करते हुए कहा कि उनके नाम पर हुए इस बड़े घोटाले की जांच हो और जिन्होंने करोड़ों रुपये की जीएसटी धोखाधड़ी की है उन्हें सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।
मौजूदा काउंसलर जगजीत सिंह जीता ने बताया कि एक गरीब परिवार के साथ बहुत बड़ा धोखा हुआ है। जो व्यक्ति मजदूरी करके अपने परिवार का पालन-पोषण करता है, उसे करोड़ों रुपये की नोटिस भेज दी गई।
उसके आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल करके एक कंपनी रजिस्टर की गई और उसके नाम पर जीएसटी नंबर लेकर करोड़ों रुपये का लेनदेन किया गया, जिससे सरकार को नुकसान पहुँचाया गया। इस मामले में दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होना जरूरी है।
थाने में शिकायत दर्ज करा दी गई है, अब देखना है कि आगे पुलिस क्या कार्रवाई करती है।














