चंडीगढ़. जम्मू कश्मीर के बड़गाम में बुधवार सुबह भारतीय वायु सेना के एमआई-17 हैलीकाप्टर क्रैश हादसे में शहीद हुए चंडीगढ के स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ वशिष्ठ को शुक्रवार को राजकीय एवं सैन्य सम्मान के साथ अंत्येष्टि कर दी गई। सैक्टर-25 स्थित श्मशानघाट पर शहीद को ‘गार्ड ऑफ ऑनर‘ देकर अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान वायुसेना, चंडीगढ़ प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
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इससे पहले सिद्धार्थ वशिष्ठ का शव वीरवार देर शाम जम्मू कश्मीर से दिल्ली और बाद में यहां लाया गया। शव को परिवार की इच्छानुसार घर पर ही लाया गया। हवाईअड्डे से लेकर शहीद के सैक्टर-44 स्थित घर पर लाने के लिये एक विशेष कॉरिडोर बनाया गया। शव को लेने के लिए शहीद की पत्नी और स्क्वाड्रन लीडर आरती वर्दी में वायु सेना के अन्य अधिकारियों के साथ हवाईअड्डे पर मौजूद थीं
इस दौरान ‘भारत माता की जय और वंदे मातरम’ के नारे लगे। पिता जगदीश वशिष्ठ ने ताबूत में रखे बेटे के तिरंगे में लिपटे चिरनिद्रा में लीन बेटे को सलामी देकर उसका स्वागत किया। आरती भी इस दौरान खुद को नहीं रोक पाईं। इस दौरान शहीद मां और उनकी तीन बहनों का रो-रो कर बुरा हाल था। इस दौरान चंडीगढ़ के प्रशासक वी.पी. सिंह बदनोर समेत अनेक अधिकारियों ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। सिद्धार्थ परिवार के इकलौते बेटे थे। वह तीन बहनों के इकलौते भाई थे। उनके परिवार में पत्नी आरती, छोटा पुत्र, पिता, माता और तीन बहनें हैं।