चंडीगढ़, रोजाना भास्कर (हरीश शर्मा): मादक पदार्थों के अवैध कारोबार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की चंडीगढ़ टीम ने एक अंतरराज्यीय ड्रग नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। यह नेटवर्क मध्य प्रदेश से शुरू होकर राजस्थान, हरियाणा और पंजाब तक फैला हुआ था। ईडी की टीमों ने चार राज्यों पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान में एक साथ छापेमारी की। 24 घंटे से ज्यादा चली इस कार्रवाई में एजेंसी को करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेज, फर्जी कंपनियों के रिकॉर्ड, बैंक ट्रांजेक्शन और संदिग्ध इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य मिले हैं। हरियाणा में दो आलीशान कोठियां और कृषि भूमि भी जब्त की गई हैं, जिनकी कीमत करोड़ों में आंकी गई है।

यह कार्रवाई राजस्थान के मुख्य आरोपी गोपाल लाल अंजना, हरियाणा के छिंदरपाल सिंह उर्फ केवल, उसके भतीजे यादविंदर सिंह और उनके सहयोगियों के खिलाफ की गई। ये सभी एनडीपीएस एक्ट, 1985 के तहत दर्ज मामलों में पहले से आरोपी हैं। ईडी की जांच में सामने आया कि छिंदरपाल और यादविंदर राजस्थान के चित्तौड़गढ़ निवासी गोपाल अंजना से बड़ी मात्रा में अफीम खरीदते थे। अंजना ने कथित तौर पर अपने परिवार के
किसकी क्या थी भूमिका
गोपाल लाल अंजना : नेटवर्क का मास्टरमाइंड राजस्थान-मध्य प्रदेश में सक्रिय, करोड़ों की संपत्ति का मालिक। छिंदरपाल सिंह उर्फ केवलः पंजाब कनेक्शन का मुख्य व्यक्ति, ड्रग सप्लाई चेन संभालता था।
यादविंदर सिंहः हरियाणा में कृषि भूमि के नाम पर तस्करी का नेटवर्क चला रहा था।
एजेंसी के मुताबिक, यह नेटवर्क वर्षों से वैध अफीम खेती की आड़ में अफीम और अन्य मादक पदार्थों की तस्करी कर रहा था। फिलहाल जांच जारी है और ईडी जल्द ही आरोपियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर सकती है।
नाम पर जारी वैध अफीम लाइसेंस का दुरुपयोग कर अवैध व्यापार शुरू कर रखा था। लाइसेंस के नाम पर यह नेटवर्क वर्षों से चल रहा था।
जांच में यह भी सामने आया कि जसमीत और हरजीत सिंह ने भी छिंदरपाल से अफीम खरीदने की पुष्टि की है। छिंदरपाल सिंह पर पहले भी नशा तस्करी के कई केस दर्ज हैं।
उसे 2006 में एनडीपीएस की धारा 17 और 18 के तहत सजा हो चुकी है, जबकि 2022 में दर्ज मामले में भी चार्जशीट दाखिल हो चुकी है।














