चंडीगढ़/शंभू बॉर्डर/पटियाला (रोजाना भास्कर): किसानी आंदोलन के मद्देनजर शंभू बार्डर पर धरना देने पहुंचे तरनतारन जिले के किसान रेशम सिंह (47) ने शंभू बोर्डर पर गुरुवार की सुबह सल्फास निगल ली। रेशम सिंह को राजपुरा के सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां 11 बजे उक्त किसान को मृत घोषित कर दिया गया। रेशम सिंह की मौत की खबर मिलते ही शंभू मोर्चे पर व उक्त मृतक किसान के गांव पहुविंड में माहौल शोकमय हो गया।
जिला तरनतारन के विस हलका खेमकरण के गांव पहुविंड निवासी जगतार सिंह के बेटे रेशम सिंह छह जनवरी को अपने गांव से किसानों का जत्था लेकर शंभू बार्डर के लिए रवाना हुए। गुरुवार को उनके बेटे इंद्रजीत सिंह को शंभू बार्डर से सूचना मिली कि किसानी आंदोलन से आहत होकर उनके पिता ने सल्फास निगल ली है। साथी किसानों द्वारा रेशम सिंह को राजपुरा के सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया। डाक्टरों द्वारा रेशम सिंह को बचाने के लिए काफी प्रयास किए गए, लेकिन साढे 11 बजे उनकी मौत की खबर आई। रेशम सिंह की पत्नी दविंदर कौर ने बताया कि उनका परिवार पूरी तरह से किसानी आंदोलन को समर्पित रहा है।
नहीं करेंगे अंतिम संस्कार, 25 लाख का मुआवजा व सरकारी नौकरी की मांग
रेशम सिंह की पत्नी दविंदर कौर, बेटे इंद्रजीत सिंह ने बताया कि शंभू व खनौरी बार्डर पर हजारों किसान धरना दे रहे हैं। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन 45वें दिन भी जारी रहा। उनकी हालत दिन-प्रतिदिन नाजुक हो रही है, लेकिन केंद्र सरकार किसानों की मांगें नहीं मान रही। परिवार ने फैसला किया है कि रेशम सिंह का उतनी देर अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। जब तक किसानी मांगें पूरी नहीं होती। किसानी आंदोलन दौरान जान गंवाने वाले रेशम सिंह पहुविंड की कुर्बानी भुलाई नहीं जा सकती। किसान के परिवार को 25 लाख का मुआवजा, समूहिक कर्ज माफी, परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। साथ ही उन सभी मांगों को पूरा किया जाए।