जालंधर की हवा ‘बेहद खराब’: सिर्फ 16 पराली जलाने के केस, फिर भी शहर में सांस लेना मुश्किल, पड़ोसी जिले के ये हैं हालात!

जालंधर, रोजाना भास्कर (हरीश शर्मा): दिवाली के एक हफ्ते बाद भी जालंधर की हवा में सुधार नहीं हो पाया है। सोमवार को शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 307 दर्ज किया गया, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है। हैरानी की बात यह है कि अब तक जिले में सिर्फ 16 पराली जलाने के मामले सामने आए हैं—3 दिवाली से पहले और 13 दिवाली के बाद। इसके बावजूद प्रदूषण के स्तर में कमी नहीं आई है।

लोगों की सेहत पर असर

प्रदूषण बढ़ने से लोगों को आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में परेशानी जैसी समस्याएं हो रही हैं। डॉक्टरों ने नागरिकों को मास्क पहनकर बाहर निकलने और विशेष रूप से बच्चों व बुजुर्गों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।

प्रशासन की सख्ती

जालंधर प्रशासन ने अब तक 7 किसानों पर FIR दर्ज की है। इसके अलावा 9 मामलों में रेड एंट्री और 6 किसानों को चेतावनी नोटिस जारी किए गए हैं। दिवाली से पहले 17 और 18 अक्टूबर को तीन घटनाएं दर्ज की गई थीं, जबकि इस सीजन में सबसे ज्यादा चार मामले 25 अक्टूबर को आए। शाहकोट क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित बताया जा रहा है।

कपूरथला में सबसे ज्यादा मामले

दोआबा का कपूरथला जिला इस बार पराली जलाने का हॉटस्पॉट बन गया है। यहां अब तक 35 मामले दर्ज हुए हैं—6 दिवाली से पहले और 29 बाद में। केवल पिछले दो दिनों में ही 13 नई घटनाएं रिपोर्ट हुई हैं—7 रविवार को और 6 सोमवार को।

पहली FIR सितंबर में दर्ज

जालंधर में पहली पराली जलाने की FIR 24 सितंबर को लोहियां क्षेत्र के किसान राज कुमार के खिलाफ दर्ज की गई थी। दूसरी FIR 26 अक्टूबर को गट्टा मुंडी कसू गांव के सतपाल सिंह पर हुई। इसके अलावा शाहकोट और मेहतापुर थानों में भी किसानों पर कार्रवाई की गई है।