जालंधर/मुंबई (रोजाना भास्कर)। रिजर्व बैंक आफ इंडिया (RBI) ने नियमों पर खरा न उतरने पर जालंधर के जवाहर नगर इलाके में स्थित इंपीरियल अर्बन कोऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया। बताया जा रहा है कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की क्षमता नहीं थी, जिसके चलते आरबीआई ने उक्त कदम उठाया।
आरबीआई ने बैंक को बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसके तहत प्रत्येक जमाकर्ता को डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) से 5 लाख रुपये तक की जमा राशि पर जमा बीमा दावा प्राप्त करने का अधिकार होगा।
इसके साथ ही पंजाब सरकार के सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार ने बैंक को बंद करने और इसके लिए परिसमापक नियुक्त करने का आदेश भी जारी कर दिया है। बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 97.79 प्रतिशत जमाकर्ता डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं, यानी बैंक के इतने प्रतिशत ग्राहक राशि निकाल सकेंगे।
31 जनवरी, 2025 तक, DICGC ने कुल बीमित जमाराशियों में से 5.41 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। इंपीरियल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द करने का कारण बताते हुए रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंक का चालू रहना उसके जमाकर्ताओं के हितों के लिए हानिकारक है।
लाइसेंस रद्द होने के बाद, इंपीरियल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक को ‘बैंकिंग’ व्यवसाय करने से रोक दिया गया है, जिसमें जमा स्वीकार करना और जमा राशि वापस करना शामिल है। आरबीआई ने यह निर्णय बैंक की वित्तीय स्थिति और जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए लिया है।