जुए का जाल: बस कागजों पर लॉटरी बंद, यहां धड़ल्ले से चल रहा धंधा, पुलिस भी कार्रवाई करने में बरत रही लापरवाही

अवैध लॉटरी का धंधा इस तरह से फल-फूल रहा है कि मानो धंधेबाज कोई दुकान चला रहा हो। इस गोरखधंधे के जरिए कई धंधेबाज करोड़पति बन चुके हैं। जबकि लॉटरी खरीदने वाले लोग अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई खो रहे हैं।

 

रोज़ाना भास्कर संवाददाता, पंजाब। जालंधर में लॉटरी प्रतिबंधित है। इसे 1993 में ही अवैध करार दे दिया गया था। लॉटरी खेलने और खिलाने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने का प्रविधान किया गया है।
हालांकि, यह कागजों तक ही सीमित रहा।

जालंधर के नॉर्थ हल्के में J और W व k नाम वाले लोगो ने दर्जनों दुकाने खोल दी हैं जहाँ पर अवैध lottery का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है कभी कभार छापेमारी की भी जाती है। दो-चार लोगों को गिरफ्तार कर अभियान की खानापूर्ति कर ली जाती है।

शहर में अवैध लॉटरी चलाने के पीछे कई राजनीतिक लोगो का भी हाथ है जिस वजह से पुलिस लॉटरी बंद करवाने में असफल है।


पंजाब के हालात ख़राब करने में इन राजनैतिक लोगों का सबसे बड़ा योगदान है जिस शहर या राज्य के राजनैतिक लोग अवैध कारोबार के ठेकेदार बन जाए उस शहर और राज्य की कभी तरक़्क़ी नहीं हो सकती ग़रीब लोगों के खून पसीने की कमाई से अपने घर भरते भरते शायद ये भूल चुके हैं अवैध लाटरी से ही शुरुआत होती है बड़ी वारदातों की स्नेचिंग लूटपाट चोरी जैसी कई वारदातें 200 400 रूपए दिहाड़ी कमाने वाला व्यक्ती जब शाम को अपने सारे दिन की कमाई जुए में हार जाता है उसके बाद अपने खर्चे पूरे करने के लिए कई घटनाओं को अंजाम देता है।


शहर से लेकर गांव तक में नंबर लॉटरी का धंधा धड़ल्ले से चल रहा है। इसके खिलाफ समुचित कार्रवाई हो इसे लेकर पुलिस पूरी तरह से मंद है। पर्दे के पीछे चल रहे इस गोरखधंधे में अगर दिहाड़ी कमाने वाला व्यक्ती पहुँच सकता है तो पुलिस क्यों नहीं पहुंचती।

बेख़ौफ़ सारा दिन खुलती है यह दुकानें सोडल रोड काली माता मन्दिर के सामने मार्किट में, सईंपुर रोड, महक सिनेमा के पास, इंडस्ट्रियल एरिया पुराने पोस्ट ऑफिस के सामने , पर, देवी तालाब हॉस्पिटल के साथ, गुजापीर के साथ बंद गली में ट्रांसपोर्ट नगर, बंचित नगर में लॉटरी की कीमत कम होती है, लिहाजा अधिकांश गरीब लोग आसानी से धंधेबाजों के जाल में फंस जाते हैं और अमीर बनने की फिराक में लोग अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई को गंवा देते हैं।

अब अवैध लॉटरी का धंधा इस तरह से फल-फूल रहा है कि मानो धंधेबाज कोई दुकान चला रहा हो। इस गोरखधंधे के जरिए कई धंधेबाज करोड़पति बन चुके हैं। जबकि लॉटरी खरीदने वाले लोग अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई खो रहे हैं।

खासकर रिक्शा चालक, फुटपाथी दुकानदार आदि। इस पूरे खेल के पीछे सफेदपोश लोग शामिल हैं। जिनके संरक्षण में यह गोरखधंधा चल रहा है। जो पर्दे के पीछे से पूंजी लगाते हैं, बिना रोक-टोक के धंधेबाजों का धंधा चले इसकी व्यवस्था करते हैं।

डिजिटल दुनिया में लॉटरी हुई हाईटेक

दुनिया पूरी तरह से डिजिटल हो चुकी है। सरकारी दफ्तर अथवा निजी, फुटपाथ के दुकानदार हों या बड़े व्यवसायी, सभी कागज को अलविदा कह चुके हैं। जहां नहीं हुआ वहां डिजिटल बनने की तैयारी चल रही है। ऐसे में लॉटरी धंधेबाज भी हाईटेक हो चुके हैं। एक जमाना था कि धंधेबाज चोरी-छिपे कागज पर बने लॉटरी के टिकट बेचकर मालामाल हो रहे थे। अब इस धंधे को डिजिटल रूप दे चुके हैं।

मसलन, ऑनलाइन लॉटरी का खेल चल रहा है। छह और दस रुपये में नंबर बेचने वाले डिजिटल माध्यम आदि के जरिय भुगतान ले रहे हैं। लॉटरी का ड्रा भी ऑनलाइन होता है।

लॉटरी से रोजाना जालंधर में लाखो का कारोबार होता है। इससे राज्य सरकार को एक रुपये का भी लाभ नहीं होता है।

चंद मिनटों में करोड़पति बनने के लालच में लोग लॉटरी की खरीदारी कर रहे हैं। लेकिन पुलिस प्रशासन का इस ओर ध्यान नहीं जा रहा है।

देश के 13 राज्यों में लॉटरी वैध

देश के 13 राज्यों में लॉटरी को वैध माना गया है। इसमें अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, पंजाब, सिक्किम और पश्चिम बंगाल राज्य शामिल हैं। शेष राज्यों में सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा है।

कार्रवाई का है प्रविधान

राज्य सरकार ने लॉटरी खेलने व खिलाने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने का प्रविधान किया है। एडवोकेट जगतपाल मैनी ने बताया कि इसके खिलाफ धारा 294 ए, 420 आदि धारा के तहत कार्रवाई की जाती है।

धारा 294 ए के तहत लॉटरी कार्यालय रखने पर छह माह के कारावास या जुर्माना अथवा दोनों से दंडित करने का प्रविधान है। लॉटरी संबंधित प्रस्ताव को छापना या प्रकाशित करने को भी अपराध के श्रेणी में रखा गया है। इसमें जुर्माने का प्रविधान है।