पंजाब में किसानों का ट्रैक्टर मार्च: लैंड पूलिंग पॉलिसी का कर रहे विरोध, बारिश के बीच जालंधर-अमृतसर में किसान सड़कों पर 

रोजाना भास्कर (चंडीगढ़/जालंधर/अमृतसर): पंजाब सरकार की जमीन अधिग्रहण वाली लैंड पूलिंग पॉलिसी के खिलाफ अब किसानों का विरोध तेज हो गया है। यह मामला अब पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है। आज किसानों की ओर से इसी मुद्दे पर ट्रैक्टर मार्च निकाला जा रहा है,

मार्च संयुक्त किसान मोर्चे के बैनर तले होगा। वहीं, किसान मजदूर मोर्चे की तरफ से ट्रैक्टर मार्च निकाला जा रहा है। बारिश के बावजूद सरवन सिंह पंधेर की अगुवाई में अमृतसर में ट्रैक्टर मार्च शुरू हाे गया है।

यह मार्च राज्य के सभी एरिया में निकाला जाएगा। जिन गांवों में जमीन एक्वायर की जानी है, वहां से ट्रैक्टर गुजरेंगे। लुधियाना में मार्च को लेकर किसान जुटना शुरू हो गए है। समराला के गांव बालियो से एसडीएम कार्यालय तक ट्रैक्टर मार्च निकाला जा रहा है।

वरिष्ठ किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल विशेष रूप से मौजूद है। कई अन्य किसान यूनियनों के नेतागण भी पहुंचे है। बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि पंजाब सरकार ने जो लैंड पूलिंग जारी की है।

उसने बिना सोचे-समझे, बिना किसी सर्वेक्षण के, बिना किसी विशेषज्ञ की राय के, सीधे ज़मीन हड़पने के लिए हज़ारों एकड़ ज़मीन का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।

इससे कम से कम 20 हज़ार किसान परिवार बरबाद होंगे। उनके साथ-साथ गांवों में रहने वाले मज़दूर भी बेरोजगार होंगे। अब सरकार द्वारा 116 गांवों का खेल रचा गया है ताकि इन गांवों को नक्शे से मिटाया जा सके। इसके पीछे बहुत बड़ी साजिश है।

यह भ्रष्टाचार है, इस ज़मीन को लेकर कॉर्पोरेट घरानों, बिल्डरों को देना, यह उनसे कम से कम एक लाख करोड़ रुपए का घोटाला होगा। इससे कम नहीं, सरकार इस ज़मीन को विकसित करने की जल्दी में नहीं है।

सरकार कहती है कि हमें हर किसान को सालाना एक लाख रुपये देने हैं, लेकिन सरकार ने ऐलान किया है कि उसने पैसे देने के लिए बजट रखा है क्योंकि एक लाख रुपए के हिसाब से सालाना 655 करोड़ देने होंगे।