रोजाना भास्कर (जालंधर/अमृतसर/कपूरथला): पंजाब इन दिनों भीषण बाढ़ की मार झेल रहा है। राज्य के छह जिलों—पठानकोट, तरनतारन, फाजिल्का, कपूरथला, होशियारपुर और सुल्तानपुर लोधी—बुरी तरह प्रभावित हैं। नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और कई गांवों में पानी घरों तक घुस चुका है।
जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में हो रही भारी बारिश का सीधा असर पंजाब की नदियों पर पड़ा है। रावी और सतलुज नदियों में जलस्तर खतरनाक स्तर को पार कर चुका है।
पठानकोट की कई चौकियां और सीमावर्ती इलाके जलमग्न हो गए हैं, जहां 2 से 3 फीट तक पानी भर चुका है। वहीं, तरनतारन के हरिके हैड्स में बाढ़ का पानी कई गांवों तक पहुंच चुका है।
सुल्तानपुर लोधी क्षेत्र में स्थानीय ग्रामीण बाढ़ग्रस्त इलाकों से पशुओं और परिवारों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने में जुटे हुए हैं। कई जगह सड़कों का संपर्क पूरी तरह टूट चुका है, जिससे राहत कार्यों में भी मुश्किलें आ रही हैं।
मौसम विभाग ने चार जिलों—पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर और रूपनगर—में तेज बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। बाकी जिलों में भी सामान्य से अधिक बारिश की संभावना बनी हुई है, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं।
राहत कार्यों की कमान संभाली खालसा एड ने
प्रशासनिक टीमों के साथ-साथ सामाजिक संस्थाएं भी मैदान में उतर आई हैं। खालसा एड की टीमें बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री पहुंचा रही हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने में मदद कर रही हैं।
वहीं, स्थानीय प्रशासन ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की मदद से बचाव कार्य तेज कर दिए हैं।
राज्य सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों और नहरों के पास न जाएं और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। हालात की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
इस बाढ़ संकट ने एक बार फिर दिखा दिया है कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए पूर्व तैयारियों की कितनी जरूरत है। फिलहाल, पंजाब के लाखों लोग बारिश थमने और हालात सामान्य होने की दुआ कर रहे हैं।