चंडीगढ़/जालंधर (रोजाना भास्कर ब्यूरो): पंजाब में अवैध मानव तस्करी का कारोबार दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। विदेश मंत्री एस.. जयशंकर ने राज्यसभा में खुलासा किया कि अवैध रूप से विदेश भेजने का मुख्य केंद्र पंजाब ही है। वर्तमान में 50 से 50 लाख रुपये तक लेकर अवैध रूप से अमेरिका और यूरोप भेजने की दुकानें खुलेआम चल रही हैं।

2019 से अब तक 3053 फर्जी ट्रैवल एजेंट पकड़े गए हैं। हालांकि असली संख्या इससे कहीं अधिक बताई जा रही है क्योंकि अधिकांश
पीड़ित डर या शर्म से शिकायत नहीं करते। फरवरी 2025 में अमेरिका ने 104 भारतीयों को वापस भेजा जिनमें से 30 पंजाब के थे।
पंजाब में यूरोप भेजने के लिए 15 लाख रुपये वसूल कर एजेंट युवाओं को पहले माल्टा में वर्क वीजा दिलाते हैं। शेंगेन परमिट के बाद इटली भेजा जाता है। मजदूरों को वहां 1,000-1,500 यूरो मासिक सैलरी मिलती है।
रोमानिया और सर्बिया भी बड़े डंकी रूट हैं जबकि क्रोएशिया में दो साल का वर्क वीजा देकर इटली तक पहुंचाया जाता है। पंजाब डीजीपी अर्पित शुक्ला ने कहा कि शिकायतें मिलने पर तुरंत केस दर्ज किए जा रहे हैं और अवैध एजेंटों पर सख्ती बरती जा रही है।
विशेषज्ञों के अनुसार युवाओं में विदेश जाने की बढ़ती चाह और एजेंटों की खतरनाक योजनाओं के कारण मानव तस्करी का कारोबार और बढ़ रहा है जिससे पंजाब की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
पंजाब में ट्रेवल एजेंटों की संख्या
राज्य भर में कुलः 7,200
सिर्फ जालंधर जिले मेंः 1,400+
अवैध एजेंटों पर दर्ज एफआईआरः 25
गिरफ्तार आरोपीः 16














