क्रूरता माना गया व्यवहार, महिला की याचिका खारिज
रोजाना भास्कर (मुंबई/चंडीगढ़): बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि पति से शारीरिक संबंध बनाने से इनकार करना और उस पर बेवजह शक करना मानसिक क्रूरता है, जो तलाक का आधार बन सकता है। कोर्ट ने पारिवारिक अदालत द्वारा दिए गए तलाक के आदेश को सही ठहराया।
महिला की अपील खारिज करते हुए कोर्ट ने माना कि पति को दोस्तों और कर्मचारियों के सामने अपमानित करना भी क्रूरता की श्रेणी में आता है।
पति ने आरोप लगाया था कि पत्नी ने उसे बार-बार शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। कोर्ट ने इन आरोपों को गंभीर मानते हुए तलाक को उचित करार दिया।