आस्था की राह में सीमाएंः वीजा दिया, स्वागत भी किया, फिर कहा-आप हिंदू हैं, वापस जाएं; 468 सिखों को भी नहीं मिल पाई इस बार यात्रा की मंजूरी
श्रद्धालुओं ने अटारी में प्रदर्शन कर जताई नाराजगी
अटारी (अमृतसर), रोजाना भास्कर ब्यूरो। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में पैदा हुई कड़वाहट का असर श्रद्धालुओं के जत्थों की आवाजाही पर पड़ने लगा है। मंगलवार को श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व से पहले श्रद्धालुओं का जत्था अटारी के रास्ते पाकिस्तान रवाना हुआ, मगर 14 हिंदू श्रद्धालुओं को वाघा बॉर्डर से ही वापस भेज दिया गया। इसका कारण पाक इमिग्रेशन ने हिंदू होना बताया। वहीं, मंगलवार को कुल 1932 सिख श्रद्धालुओं को पाकिस्तान के गुरुधामों के दर्शन के लिए जाने दिया गया। 468 ऐसे भी रहे, जिन्हें दिल्ली से क्लीयरेंस न मिलने का हवाला देकर अटारी से ही लौटा दिया गया। इन लोगों ने विरोध में अटारी में प्रदर्शन भी किया।

वापस भेजे गए 14 हिंदुओं में 2 जत्थे शामिल हैं। इनमें एक लखनऊ तो दूसरा दिल्ली का है। दिल्ली के 7 लोगों के जत्थे के मुखी अमर चंद ने बताया कि वह सुबह 7 बजे अटारी पहुंच गए थे। यहां पर पहले ही लखनऊ के 7 और हिंदू श्रद्धालु भी थे। उन्हें बकायदा वीजा दिया था।
सुबह अटारी की तरफ फॉर्मेलिटीज पूरी करने के बाद वह पाकिस्तान के वाघा पहुंचे। वहां उनके गले में हार डालकर स्वागत किया गया। हरेक से 13-13 हजार रुपए के हिसाब से किराया लेकर पैकेज बुक कर दिया गया। मगर फिर सिख श्रद्धालुओं को ही आगे जाने दिया गया।
शाम को उन्हें पाक इमिग्रेशन के अफसरों ने कहा कि यह जत्था तो सिख श्रद्धालुओं का है। आप हिंदू हो तो आपको नहीं जाने दिया जाएगा। भारत के जवानों की पाक इमिग्रेशन से बहस भी हुई।
1932 श्रद्धालु ही जा पाए गुरुधामों के दर्शनों को
पाक जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पर भी असर पड़ा है। करीब 3 हजार के कोटे के बावजूद 1932 श्रद्धालुओं को ही पाकिस्तान जाने की इजाजत मिल पाई। 2400 श्रद्धालुओं को पाकिस्तान की ओर से वीजा जारी किए गए थे मगर मंगलवार शाम तक परमिशन न मिलने से 468 श्रद्धालु अटारी-वाघा सीमा सड़क मार्ग से पाकिस्तान नहीं जा सके। 468 श्रद्धालुओं की उम्मीदों पर उस समय पानी फिर गया जब कस्टम विभाग व सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें इजाजत न मिलने के नतीजतन लौट जाने को कह दिया।
इस कारण संगत के कुछ सदस्यों ने 4 घंटे धरना देकर रोष जताया। साईं मियां मीर फाउंडेशन एवं पंजाब 1799 संस्था के प्रमुख सेवादार परमजीत सिंह अंतिम समय तक गृह मंत्रालय व विदेश मंत्रालय से जत्थे को हरी झंडी मिलने की उम्मीद में डटे रहे लेकिन निराशा हाथ लगी। रिट्रीट सेरेमनी का समय शुरू होने के चलते आखिरकार 5 बजे सूचित किया गया कि गृह मंत्रालय की मंजूरी नहीं मिली है।
ननकाना साहिब यात्रा पर गए फतेहाबाद के 6 श्रद्धालुओं का भी वीजा रद्द
गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व पर श्री ननकाना साहिब यात्रा पर गए छह श्रद्धालुओं का वीजा रद्द कर दिया गया। इनमें फतेहाबाद जिले के मनजीत सिंह रतिया, कुलदीप सिंह मेहमड़ा, चरणजीत सिंह बोड़ा समेत 3 अन्य श्रद्धालु शामिल हैं। इन सभी को दस्तावेजों में कमी पाए जाने के चलते पाकिस्तान जाने की अनुमति नहीं दी गई।














