पूर्व ED अधिकारी का दावा-कैप्टन ने दबाया राजाकंदोला ड्रग केस:ड्रग केस में AIG राजजीत को ढूंढ नहीं पा रही पंजाब सरकार, नशा-करप्शन नहीं रुके

जालंधर। जालंधर में ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर ने पंजाब में नशे और भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर बात की। शुक्रवार को निरंजन सिंह ने दावा किया कि 2012 के राजा कंदोला ड्रग केस और इस केस में इन्वाल्व एआईजी राजजीत के केस को तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दबाया।

उन्होंने दावा किया कि खुद को क्रांतिकारी बताने वाली सरकार के राज में भी पंजाब में ड्रग तस्करी, अवैध माइनिंग, शराब माफिया और भ्रष्टाचार चरम पर है।

पंजाब में नशा बढ़ने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सहित कई नेता और अधिकारी जिम्मेदार हैं। सिंह ने आरोप लगाया कि उन्होंने ईडी के डिप्टी डायरेक्टर रहते हुए पंजाब के कई मामलों को उजागर किया।

हुआ ये कि इन केसों को दबाने के लिए दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया। इस तरीके से उन पर जांच रुक गई। पंजाब की मौजूदा खराब स्थिति के लिए सभी जिम्मेदार हैं। पूर्व ईडी अधिकारी ने कहा कि मैं 2021 में ईडी से रिटायर हुआ। नशे और भ्रष्टाचार पर काम किया।

सच्चाई ये है कि सरकारें नशे और भ्रष्टाचार पर काम नहीं होने देना चाहतीं। इसकी रिपोर्ट मैंने सेंटर को भी की। 2 दशक में किसी ने कहा कि नशे की कमर तोड़ देंगे, किसी ने नशे के खिलाफ युद्ध की बात कही, लेकिन कोई काम नहीं हुआ। रिकवरी जरूर बढ़ी। ये सरकारों की बेशर्मी कई इंतहा है।

पूर्व ईडी अधिकारी ने बताया कि पंजाब में इतनी बड़ी फोर्स है। इंटेलिजेंस है। ईडी है पर अफसोस है कि कोई भी एक एआईजी लेवल के अफसर को पकड़ नहीं पाया।

पूर्व ईडी अधिकारी निरंजन सिंह ने बताया राजा कंदोला के पास बड़ी मात्रा में ड्रग पकड़ी जाती है। वह परिवार के साथ पकड़े जाते हैं। जार्जशीट और ट्रायल के बाद फैसला आता है कि सभी बरी हो गए।

अगर पुलिस का केस फेल हो जाता है, तो इस पर अपने आप में सवाल है। पुलिस का केस फेल हो गया, लेकिन ईडी की जांच में पुख्ता सबूत होने से ये फेल नहीं हो पाया। इसके चलते ही पंजाब सरकार को राजा कंदोला की प्रापर्टी को अटैच करना पड़ा।

आरोप-कैप्टन ने दबाई एआईजी राजजीत की रिपोर्ट

पूर्व ईडी अधिकारी ने बताया कि एआईजी राजजीत के केस में हाईकोर्ट ने मुझे बोलने का मौका दिया। मैंने बताया कि पुलिस सहयोग नहीं दे रही। हाईकोर्ट ने पुलिस के अफसरों को सहयोग के लिए कहा। इसके एक हफ्ते बाद पुलिस ने कई रिपोर्ट दीं। इसके बाद मैंने जालंधर ईडी दफ्तर में राजजीत की फाइल खोली। लेकिन ये फाइल मुझसे दिल्ली मंगवा ली गई।

उन्होंने आरोप लगाया कि इसके बाद वहां से पंजाब के तत्कालीन सीएम जो खुद को कैप्टन बताता है, को भेजी गई। मुख्यमंत्री ने इस पर कोई काम नहीं किया। इसके बाद खुद को क्रांतिकारी बताने वाली सरकार आई। उसने एक काम अच्छा किया कि राजजीत को डिसमिस कर दिया, लेकिन उसे अब तक ढूंढ नहीं पाई। अब ये सरकार भी पुरानी सरकारों के रास्ते पर चल रही है।