फूड के सैंपल फेल होने पर कार्रवाई: जालंधर में कई बड़े रेस्टोरेंट्स को लाखों का जुर्माना और समन जारी; घटिया क्वालिटी का था खाना 

जालंधर (रोजाना भास्कर): लोगों को मिलावटी और तय घटिया क्वालिटी का फूड देने वालों पर मोटा जुर्माना लगाया गया है। सेहत विभाग की तरफ से सैंपल भरने के बाद एडीसी एडीसी विवेक जनरल की मोदी। कोर्ट में केस दायर किया जाता है। इस महीने कुल 11 केस रजिस्टर्ड हुए थे।

इनमें से ज्यादातर केसों का फैसला किया गया है। इसमें मॉडल टाउन में कॉफी बीन्स टी लीफ नाम से बड़े चेन रेस्टोरेंट के सॉस का सैंपल लिया गया था, नियमों के तहत एसिड फैट का पैरमीटर 0.2 फीसदी होना चाहिए जो 0.624 था जो कि बहुत ज्यादा था और इससे व्यक्ति को पेट की समस्या हो सकती है। इस पर सख्ती करते हुए एडीसी की कोर्ट ने 2 लाख रुपए जुर्माना किया है।

साथ ही मॉडल टाउन के रेस्टोरेंट सन्नी साइड अप पर भी सख्त फैसला किया गया है। सेहत विभाग ने यहां पर पनीर और कुलीनरी का सैंपल भरा था। इसमें 2 बार रेस्टोरेंट को नोटिस जारी कर पेश होने के आदेश दिए गए थे, लेकिन दोनों बार मौजूद नहीं हुए। इस पर बुधवार को एडीसी विवेक मोदी की कोर्ट ने पुलिस के माध्यम से रेस्टोरेंट को समन जारी किया है। इसके बाद भी पेश नहीं हुए तो अरेस्ट वारंट जारी हो सकते हैं।

इनके अलावा बुलोवाल में राकेश कुमार घुम्मण डेयरी में गाय के दूध का सैंपल फेल होने पर 20 हजार जुर्माना, भोगपुर में मान सिंह सम्राट ट्रेडिंग कंपनी का पनीर सेंपल फेल होने पर 50 हजार जुर्माना, भोगपुर के क्रिस्पी हॉकर के पनीर सैंपल फेल होने पर 20 हजार जुर्माना, भोगपुर राजन स्वीट दीपक कुमार का पनीर सैंपल फेल होने पर 20 हजार जुर्माना, नकोदर के पंडोरी खास में मंगत राम मल्ही स्वीट का सैंपल फेल नहीं हुआ, लेकिन साफ-सफाई ना होने पर 5 हजार जुर्माना, रवि कपूर डेयरी जमशेर खास भैंस का दूध सैंपल फेल होने पर 20 हजार रुपए जुर्माना

लगाया गया है। सेहत विभाग की तरफ से फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2011 के तहत जिले में सैंपल भरे जाते हैं।

जालंधर में 5 सेंक्शन पोस्ट के मुकाबले 3 फूड सेफ्टी आफिस हैं। इनमें फूड सेफ्टी आफिसर राशू महाजन के पास जालंधर-2-3, मुकुल गिल के पास जालंधर-1 और प्रभजोत सिंह के पास जालंधर-4-5 का एरिया है।

अधिकारियों की तरफ से किसी भी जगह से फूड सैंपल लेने के बाद स्टेट फूड लेबोरेटरी खरड़ भेजा जाता है। वहां से रिपोर्ट के बेसिस पर ही केस दायर किया जाता है। लेकिन देखा जाए तो जालंधर देहात के मुकाबले शहर में सैंपलिंग काफी कम है।