बड़ी खबर: थानों से हटेंगे गाड़ियों के ढेर, जुर्माना के बोझ से 424 थानों में सड़ रहीं 75000 गाड़ियां; नई पॉलिसी लाई सरकार

 टीमें बनीं, वाहन छुड़वाने के दो मौके मिलेंगे; जुर्माना भी घटेगा

रोजाना भास्कर (चंडीगढ़/जालंधर): पंजाब के 424 पुलिस थानों में पुलिस की ओर से जब्त की गई गाड़ियों का ढेर हटवाने के लिए सरकार नई पॉलिसी लेकर आ रही है। इसके तहत यातायात नियमों की उल्लंघना और एक्सीडेंटल केसों की गाड़ियों की नीलामी से पहले मालिकों को दो मौके दिए जाएंगे।

वहीं, पुलिस ही केस को खुद लोक अदालत भेजेगी ताकि कम जुर्माना अदा कर व्हीकल मालिक अपनी गाड़ी वापस ले जा सकें। इस प्रक्रिया में किसी वकील या बिचौलिए की जरूरत नहीं होगी।

नई पॉलिसी के तहत एसपी और डीएसपी जिलों के नोडल अफसर होंगे। वहीं, डिस्पोजल आफ व्हीकल कमेटी के लिए हर जिले में टीम बना दी गई है। हर पुलिस धाने के एडिशनल एसएचओ को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह ऊपर टीम को हर 15 दिन बाद रिपोर्ट बनाकर दें ताकि गाड़ियों के ढेर न लगे।

डीजीपी ए.एस. राय की देखरेख में एसपी गुरदेव सिंह ने यह योजना तैयार की और सरकार के सामने प्रस्ताव रखा। इसे मंजूरी मिल गई है। अब जल्द सरकार इस पर आगे कार्रवाई करेगी। स्टेट लेवल पर डीएसपी गुरदेव सिंह ने बुकलेट तैयार की है जिसमें प्रोसेस समझाई गई है।

रिकॉर्ड के अनुसार करीब 75,000 गाड़ियां बरसों से थानों में खड़ी हैं। इनमें से कई गाड़ियां 20-25 साल से पड़ी-पड़ी कबाड़ बन चुकी हैं। दरअसल, जब लोगों की गाड़ियां पुलिस द्वारा नियम उल्लंघन पर पकड़ी गई तो उन पर भारी-भरकम जुर्माना लगा।

कई मामलों में जुर्माना गाड़ी की असली कीमत से भी ज्यादा हो गया। अब पंजाब सरकार व पुलिस विभाग ने इस समस्या का हल निकालने के लिए नई योजना बनाई है। पुलिस का कहना है कि पूरी प्रक्रिया में किसी बिचौलिए की जरूरत नहीं होगी।

3841 वाहन मोहाली में किए जाने हैं डिस्पोज ऑफ

एसएएस नगर- 3841

जालंधर- 13388

फाजिल्का- 2352

लुधियाना- 7039

मानसा- 1679

बठिंडा- 1656

तरनतारन- 1510

फतेहगढ़ साहिब- 985

बरनाला- 899

रूपनगर- 1848

पंजाब के थानों में लगा गाड़ियों का ढेर

सरकार की नई नीति के अनुसार पहले चरण में लगभग 35323 वाहनों को डिस्पोज आफ किया जाना है।

गाड़ियों को छुड़ाने नहीं आते, क्योंकि जितना जुर्माना गाड़ियों पर हुआ है उससे कम में उनको सेकंड हैंड गाड़ी आसानी से मिल सकती है। उदाहरण के लिए, 20,000 की गाड़ी पर 40,000 का चालान लगाया गया। ऐसे में मालिकों ने गाड़ियां छुड़ाने के बजाय उन्हें छोड़ना ही बेहतर समझा। यही वजह है कि आज थानों में जगह-जगह खड़ी गाड़ियों के ढेर देखने को मिलते हैं। अनुमान के मुताबिक, करीब 60% गाड़ियों पर मौजूदा कीमत से अधिक जुर्माना बकाया है।

पुलिस और वाहन मालिकों दोनों को योजना का लाभ

मालिकों को अपने पुराने वाहन वापस पाने का मौका मिलेगा।पुलिस थानों से गाड़ियों का अंबार हटेगा और वहां खाली जगह मिल सकेमसरकार ने ऐसी बुकलेट तैयार की है जिसके नियमं पढ़कर लोग खुद आसासे छुड़ा सकेंगे अपनी गाड़ी, किसी वकील या बिचौलिए की जरूरत नहीं पड़ेंगे। पॉलिसी से पुलिस का मकसद थानों में लगे गाड़ियों के ढेर को कम करना और लोगों की मदद करना हमारा मकसद थाने में लगे फोर व टू व्हीलर व्हीकलों के लगे अंबार को खत्म करना और लोगों को उनकी गाड़ियां वापस करना है।

हरेक थाने के एडिशनल एसएचओ को व्हीकल को डिस्पॉज ऑफ करने की जिम्मेदारी सौंपी है। ऐसे मामलों को हम लोक अदालत में लेकर जाएंगे ताकि कम से कम जुर्माना को अदा कर व्हीकल उनके मालिकों को सौंप सकें। डीएसपी गुरदेव सिंह ने एक बुकलेट तैयार की है, जो पढ़ने के

बाद हरेक व्हीकल के मालिक को सुपुर्दगी कैसे हो सकती है, उसकी जानकारी मिल जाएगी। अमरदीप सिंह राय, डीजीपी ट्रैफिक