बड़ी खबर: दिल्ली CM का शपथ ग्रहण समारोह आज, विधायक दल की नेता चुनी गई रेखा गुप्ता; 6 मंत्री भी लेंगे शपथ, पढ़ें 

दिल्ली की 9वीं CM बनेंगी, दिग्गजों की लिस्ट में शामिल होंगी गुप्ता; राजनीतिक सफर और RSS के जुड़ाव ने कैसे दिलाई कुर्सी… जानें सबकुछ

नई दिल्ली/चंडीगढ़ (रोजाना भास्कर)। दिल्ली पॉलिटिक्स में मची खींचतान बुधवार को खत्म हो गई और रेखा गुप्ता को विधायक दल का नेता चुना गया है। बहुमत मिलने के बाद CM के नाम को लेकर बना सस्पेंस विधायक दल की बैठक तक चला। विधायक दल की बैठक में तो सिर्फ नाम अनाउंस हुआ इसकी पटकथा तो RSS ने लिखी।

आज दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के तौर पर रेखा गुप्ता शपथ ग्रहण करेंगी। उपराज्यपाल वीके सक्सेना आज दोपहर 12.35 बजे नए मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल को शपथ दिलाएंगे।

रेखा गुप्ता की निजी जिंदगी और राजनीतिक सफर बारे में जानें!

रेखा गुप्ता दिल्ली की शालीमार बाग विधानसभा सीट से विधायक चुनी गई हैं। वे मौजूदा समय में दिल्ली भाजपा की महासचिव और भाजपा के महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं। 50 वर्षीय रेखा का जन्म हरियाणा के जींद जिले में स्थित नंदगढ़ गांव में 1974 में हुआ था। उनके पिता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में अधिकारी पद पर थे। राजनीतिक सफर की बात करें तो 2007 उत्तर पीतमपुरा से पार्षद बनीं।

2007-09 एमसीडी में महिला कल्याण एवं बाल विकास समिति की दो साल तक अध्यक्ष रहीं। 2009 में दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव रहीं। 2010 में भाजपा ने उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य की जिम्मेदारी दी। 2012 में उत्तरी पीतमपुरा वॉर्ड-54 से फिर बनीं पार्षद।

पढ़ाई पूरी करने के बाद रेखा गुप्ता 2003-04 में भाजपा युवा मोर्चा की दिल्ली इकाई से जुड़ीं और यहां सचिव पद पर रहीं। इसके बाद 2004 से 2006 तक उन्होंने भारतीय जनता युवा मोर्चा की राष्ट्रीय सचिव के तौर पर जिम्मेदारी निभाई।

पहली बार विधायक बनीं, RSS ने नाम बढ़ाया तो आलाकमान की मिली मंजूरी; इन वजहों से दिल्ली में महिला मुख्यमंत्री!

50 साल की रेखा गुप्ता जिंदल दिल्ली की नौवीं CM होंगी। भाजपा विधायक दल की बैठक में बुधवार को उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया। वे दिल्ली विधानसभा चुनाव में शालीमार बाग सीट से विधायक हैं।

दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री के तौर पर RSS ने रेखा गुप्ता का नाम आगे बढ़ाया था और पार्टी ने उस पर मुहर लगा दी। रेखा ने छात्र राजनीति से करियर की शुरुआत की, दो बार विधायक का चुनाव हार चुकी हैं। फिर भी 3 वजहें हैं, जिसके चलते उन्हें मुख्यमंत्री चुना गया…

पहली वजह- केजरीवाल की तरह वैश्य: रेखा भी पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल की तरह वैश्य हैं। दिल्ली में वैश्य समुदाय व्यापार में होल्ड रखता है। ये हमेशा बीजेपी का कोर वोटर माना जाता है। इसी वजह से भाजपा के तीन नेताओं के नाम सीएम पद की दौड़ में थे। इनमें रेखा गुप्ता के अलावा विजेंद्र गुप्ता और जीतेन्द्र महाजन का नाम था।

दूसरी वजह- महिला वोट: दिल्ली महिला विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कुल 48 सीटें जीतीं, कुल 45.56% वोट मिला। इसका बड़ा कारण यह भी रहा कि भाजपा ने महिलाओं के लिए कई योजनाओं की घोषणा की थी।

पांच बड़ी घोषणाएं… हर महीने 2500 रुपए की आर्थिक मदद। जो 8 मार्च यानी अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस से मिलना शुरू हो सकता है। दिल्ली में घरेलू मेड के कल्याण के लिए बोर्ड बनाने का ऐलान किया। गरीब महिलाओं को सिलेंडर पर 500 रुपए की सब्सिडी, होली-दीवाली पर एक-एक मुफ्त सिलेंडर। मातृ सुरक्षा वंदना योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को ₹21 हजार और 6 पोषण किट। महिलाओं को फ्री बस सर्विस की भी सुविधा दी है।

तीसरी वजह- महिला मुख्यमंत्री बनाना था: दिल्ली में अब तक 3 महिला सीएम शीला दीक्षित, सुषमा स्वराज और आतिशी रही हैं। भाजपा ने रेखा को सीएम बनाकर महिलाओं को साधने की कोशिश की है। रेखा गुप्ता RSS की पसंद हैं।

सूत्रों के मुताबिक, विधायक दल की बैठक के पहले RSS ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे भाजपा ने मान लिया। PM मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और हरियाणा CM नायब सैनी जैसे भाजपा दिग्गजों ने उनके लिए प्रचार किया था।