बाढ़ पर सियासत गर्म: पीएम मोदी के पंजाब दौरे से पहले उठी राहत पैकेज और बकाया भुगतान की मांग, पंजाब भाजपा बोली- सकारात्मक रहेगा दौरा

रोजाना भास्कर (चंडीगढ़/नई दिल्ली): पंजाब में आई भीषण बाढ़ से मचे जनजीवन के संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। जहां सरकार इसे “ज़मीनी हालात का आकलन” बता रही है, वहीं विपक्ष राहत राशि और राज्य का बकाया क्लियर करने की मांग कर रहा है।

कुलतार संधवां का तंजपंजाब विधानसभा अध्यक्ष कुलतार संधवां ने कहा,”अफगान तालिबान से छुटकारा पाने के बाद अब प्रधानमंत्री को बाढ़ग्रस्त पंजाब की याद आई है। ऐसा न हो कि वे भी केंद्रीय कृषि मंत्रियों की तरह फोटो खिंचवाकर वापस चले जाएं। पहले पंजाब का ₹60,000 करोड़ का लंबित बकाया चुकाया जाए और ₹20,000 करोड़ से ज्यादा का राहत पैकेज जारी किया जाए।”

कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सौंद की मांग

कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सौंद ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री के इस दौरे से राज्य को ठोस राहत मिलेगी।

“पीएम मोदी के इस दौरे में हमें उम्मीद है कि वे केंद्र सरकार से पंजाब का ₹60,000 करोड़ बकाया जारी करवाएंगे और बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों के लिए कम से कम ₹20,000 करोड़ का राहत पैकेज देंगे। यदि इससे ज्यादा सहायता दी जाती है, तो पंजाब उनका आभार मानेगा।”

मुख्यमंत्री भगवंत मान की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्वास्थ्य कारणों से पीएम के साथ न जा पाने की बात कही और कहा,”मैं प्रधानमंत्री जी का स्वागत करता हूं। मेरी तबीयत ठीक नहीं है, वरना मैं खुद उन्हें सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करवाता। मुझे उम्मीद है कि वे कोई बड़ा राहत पैकेज या पुनर्निर्माण संबंधी घोषणा करेंगे।”

भाजपा नेताओं का समर्थन

वहीं पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि केंद्र सरकार स्थिति पर कड़ी नज़र रखे हुए है और पूरी तरह राज्य के साथ खड़ी है।

“केंद्र सरकार की दो टीमें पहले ही नुकसान का आकलन कर चुकी हैं और अपनी रिपोर्ट जल्द सौंपेंगी। इससे पहले कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी भेजा गया था। प्रधानमंत्री का दौरा इस गंभीरता को दर्शाता है।”

भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने कहा,”प्रधानमंत्री मोदी का पंजाब आगमन इस बात का प्रमाण है कि केंद्र सरकार हर संकट में पंजाब के साथ है। बाढ़ से किसानों, मजदूरों और आम नागरिकों को भारी नुकसान हुआ है, जिसकी भरपाई जरूरी है।”

प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से जहां लोगों को राहत की उम्मीदें हैं, वहीं राजनीतिक दलों की ओर से आर्थिक मांगें और जवाबदेही की अपेक्षा भी साफ तौर पर देखी जा सकती है। अब देखना यह है कि प्रधानमंत्री इस दौरे में क्या ठोस ऐलान करते हैं।