योग्यता के आधार पर मिले जिला कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी, संजय सहगल का दावा 33 साल के अनुभव के साथ संगठन को देंगे नई ऊर्जा

संगठन सृजन में पारदर्शिता जरूरी, जालंधर DCC में न्यायपूर्ण चयन की मांग

रोजाना भास्कर (जालंधर): भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस संगठन को मजबूत करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी और राहुल गांधी जी द्वारा शुरू किए गए “संगठन सृजन अभियान” के अंतर्गत देशभर में संगठनात्मक बदलाव किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में जालंधर जिला कांग्रेस कमेटी (DCC) के अध्यक्ष पद के चयन को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता संजय सहगल ने AICC पर्यवेक्षक राजेश लिलोठिया, PPCC पर्यवेक्षक शाम सुंदर अरोड़ा, विकास सोनी और टीना चौधरी को जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए विचार हेतु अपना नामांकन दिया ।

इस ज्ञापन में उन्होंने संगठन को पुनर्जीवित करने, जमीनी स्तर पर संपर्क मजबूत करने और पूरे जिले में कांग्रेस की विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए अपने 33 वर्षों के राजनीतिक अनुभव का उपयोग करने का ईमानदार इरादा व्यक्त किया है। उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व से जालंधर जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए आवेदकों का पारदर्शी और योग्यता-आधारित मूल्यांकन सुनिश्चित करने का आग्रह भी किया है।

संजय सहगल ने कहा कि जिला कांग्रेस अध्यक्ष का चयन पारदर्शी, निष्पक्ष और योग्यता के आधार पर होना चाहिए, न कि किसी के प्रभाव के दम पर। उन्होंने कहा कि जो नेता कांग्रेस के कठिन समय में पार्टी के साथ खड़े रहे हैं, उन्हें नेतृत्व में मौका मिलना चाहिए।

उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि कुछ ऐसे लोग भी इस पद के लिए दावेदारी कर रहे हैं जो पहले कांग्रेस छोड़कर AAP या अन्य पार्टियों में चले गए थे और अब वापस आए हैं। ऐसे लोगों की वफादारी और इरादे की जांच जरूरी है।

संजय सहगल ने यह भी सुझाव दिया कि जो लोग पहले से ही नगर निगम में पार्षद हैं, विधानसभा हलका इंचार्ज हैं या जिनके परिवार के सदस्य भी पार्षद हैं, उन्हें जिला कांग्रेस अध्यक्ष नहीं बनाया जाना चाहिए, क्योंकि उनका फोकस संगठन की बजाय चुनावी क्षेत्र पर रहता है। यह पार्टी संविधान के ‘एक व्यक्ति, एक पद’ नीति के अनुसार भी गलत है।

उन्होंने बताया कि अब तक कभी भी जालंधर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से कोई जिला कांग्रेस अध्यक्ष नहीं बना है, इसलिए अब समय आ गया है कि न्यायपूर्ण प्रतिनिधित्व दिया जाए और नए, मेहनती व ईमानदार नेताओं को आगे लाया जाए।

उन्होंने बताया कि अगर नेतृत्व बिना स्थानीय कार्यकर्ताओं की राय के थोपा गया, तो इससे कार्यकर्ताओं में नाराज़गी और असंतोष पैदा हो सकता है, जिससे जालंधर कांग्रेस को नुकसान हो सकता है।

उन्होंने कहा, “कांग्रेस कार्यकर्ता ही पार्टी की असली ताकत हैं। उनकी आवाज़ को अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए।”

संजय सहगल ने कहा कि जिला कांग्रेस अध्यक्ष का चयन बड़ी गाड़ियाँ देखकर नहीं, बल्कि कांग्रेस विचारधारा के प्रति समर्पण, लगातार सेवा और संगठन निर्माण के योगदान के आधार पर होना चाहिए।

उन्होंने विश्वास जताया कि संगठन सृजन अभियान के जरिए पार्टी को नए सिरे से मजबूत किया जा सकता है, लेकिन यह तभी संभव है जब हर निर्णय पारदर्शिता, जवाबदेही और न्याय के साथ लिया जाए।