विधायक परगट सिंह का बयान: दिलजीत दोसांझ और मजीठिया को लेकर कहीं यह बात, लुधियाना उपचुनाव हार और इस्तीफे पर भी की बात… पढ़ें 

बोले- दिलजीत को लोग झुकाने में लगे हैं पर वह दबने वाला नहीं

रोजाना भास्कर (जालंधर): पंजाबी गायक व अभिनेता दिलजीत दोसांझ की फिल्म सरदार जी-3 के देश भर में बैन किया गया है। वहीं दिलजीत का जहां कुछ लोग विरोध कर रहे है, वहीं दूसरी ओर दिलजीत के हक में भी कई पंंजाबी गायक व नेता उतर आए है। वहीं कैंट से कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने दिलजीत दोसांझ को लेकर कहा कि वह उसके साथ खड़े है।

उन्होंने कहा कि कुछ लोग सोचते है कि दिलजीत दोसांझ को दबा लिया जाएंगा, वहीं उन्हें भी कुछ लोग दबाने की सोच रहे है, लेकिन ना दिलजीत दोसांझ दबने वाला है और ना ही वह किसी से दबने वाले है। परगट ने कहा कि वह दिलजीत के साथ खड़े है। कालकार का कोई धर्म या जात नहीं होती। उन्होंने कहा कि ऐसे में हमें इन विवादों में नहीं जाना चाहिए।

वहीं विजय इंदर सिंगला को क्लीन चिट देने पर विधायक ने सरकार पर जमकर निशाने साधे। उन्होंने कहा कि सीएम मान ने यह बात कही थी कि उनके पास सारे सबूत है, लेकिन अब उन्हें क्लीन चिट दे दी गई है। ऐसे में किस पर ऐतबार किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आप पार्टी ने 31 मई तक पंजाब के ड्रग फ्री कर दिया। लेकिन अब जुलाई का माह शुरू हो गया है, ड्रग्स पर कार्रवाई जारी है। उन्होंने कहाकि पंजाब को आप पार्टी 4 बार ड्रग्स फ्री कर चुकी है।

वहीं तस्करों के घरों पर बुलडोजर चलाए जाने को लेकर विधायक ने कहा कि सरकार ने किसी तस्कर के घर पर बुलडोजर नहीं चलाया है। उन्होंने सिर्फ शामलाट जमीनों पर कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने अगर तस्करों के घरों को तोड़ा है तो वह इस बात को कबूल करें।

असल बात यह है कि पंजाब के सभी मुद्दों को दबाने के लिए यह ड्रामा रचा गया है।

परगट सिंह ने कहा कि वह खुद ड्रग्स के खिलाफ है। वहीं बिक्रमजीत सिंह मजीठिया को लेकर विधायक ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया के अनुसार जो करना चाहिए सरकार करें। उन्होंने कहा कि पहले जब मजीठिया को गिरफ्तार किया था तो उस दौरान भी किसी ने उन्हें गिरफ्तारी करने से रोका नहीं था।

विधायक मानते है कि पंजाब का सिस्टम ठीक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मजीठिया की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस कोई विरोध नहीं करती।

वहीं लुधियाना के वेस्ट हलके में भारत भूषण आशु के चुनाव हारने पर कहा कि लोगों का फैसला उन्हें मंजूर है। उन्होेंने कहा कि इसमें पार्टी में कोई हमारी कमी रह गई होगी। वहीं मौजूदा सरकार को देखकर लोगों को लगता है कि मौजूदा सरकार के नेता को चुनकर उनसे साल डेढ साल में जो काम पेडिंग है, वह करवा लेने चाहिए।

वहीं पुलिस पर आरोप लगाने के मामले में विधायक ने कहा कि राज वह होता है, जिसमें अच्छे व्यक्ति को कॉफिडेंस हो और बुरे व्यक्ति में डर पैदा हो। उन्होंने कहा कि जब थाने में बुरे तत्व कुर्सी पर बैठे हो और अच्छे व्यक्ति डरकर खड़ा हो वह अच्छा राज नहीं है।

वहीं कार्यकारी पद से इस्तीफा देने पर कहा कि उनकी पार्टी से कोई नाराजगी नहीं है। पार्टी किसी ओर को इस पद पर मौका दें और पार्टी को मजबूत करें।