श्रीमद् भागवत सप्ताह कथा : तृतीय दिवस, भक्ति-प्रार्थना और वैराग्य का दिव्य संदेश

जालंधर, रोजाना भास्कर (हरीश शर्मा): साई दास स्कूल ग्राउंड, पटेल चौक में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत् सप्ताह कथा ज्ञान यज्ञ के तृतीय दिवस की कथा में श्रद्धेय आचार्य गौरव कृष्ण गोस्वामी जी महाराज ने भावपूर्ण उपदेश देते हुए कहा कि संसार की किसी वस्तु को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाने के लिए भले ही डाकिये की आवश्यकता पड़ती हो।

किंतु हृदय से निकली सच्ची प्रार्थना बिना किसी विलंब के सीधे परमात्मा तक पहुँच जाती है। जो लोग भगवान्‌ के शरणागत होते हैं, वे किसी से भी नहीं डरते। क्योंकि उन्हें स्वर्ग, मोक्ष और नरकों में भी एक ही वस्तुके–केवल भगवान्‌के ही समानभावसे दर्शन होते हैं।

महाराज जी श्री बाँके बिहारी जी के प्राकट्य दिवस की मंगल व् हार्दिक बधाई दी। “मार्गशीर्ष-शुक्ल-पंचमी” के दिन स्वामी जी ने जैसे ही तान छेडी, वैसे ही श्यामा-श्याम अवतरित हो गए। स्वामीजी ने राधा जी से प्रार्थना की वे कुंजविहारी में ऐसे समा जाएं, जैसे बादल में बिजली। स्वामी जी के आग्रह पर प्रियाजी अपने प्रियतम में समाहित हो गई। इस प्रकार युगल सरकार की सम्मिलित छवि बांकेबिहारी के रूप में शोभायमान हो गई और अगहन सुदी पंचमी (मार्गशीर्ष शुक्ला पंचमी) विहार पंचमी के नाम से प्रसिद्ध हो गई।

उन्होंने कहा कि जैसे विशाल सरोवर से असंख्य नाले निकलते हैं, उसी प्रकार सत्त्वनिधि भगवान श्रीहरि के अनगिनत दिव्य अवतार प्रकट हुए हैं। समस्त ऋषि, मनु, देवता, प्रजापति और महान शक्तियाँ भगवान के ही अंश स्वरूप हैं।

कथा के दौरान कपिल–देवहूति संवाद का उल्लेख करते हुए आचार्य श्री ने बताया कि कर्दम ऋषि के वन गमन के पश्चात माता देवहूति मोक्षमार्ग की प्राप्ति हेतु भगवान कपिल के पास पहुँचीं। भगवान कपिल ने उन्हें ऐसा दिव्य ज्ञान प्रदान किया कि वे संसार के समस्त बंधनों से मुक्त होकर ‘सिद्धिरा’ नदी के रूप में परिणत हो गईं।

इसके उपरांत आचार्य श्री ने सती चरित्र का मनोमुग्धकारी वर्णन किया, जिससे पूरा कथा परिसर शिवमय हो उठा। परम भक्त ध्रुव जी की कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि मात्र पाँच वर्ष की अल्प आयु में ध्रुव जी को भगवान के साक्षात दर्शन हुए और उन्हें अखण्ड राज्य के साथ दिव्य ‘ध्रुव लोक’ की प्राप्ति हुई।

आचार्य श्री ने सत्संग, सेवा और सुमिरन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि प्रभु की कृपा प्राप्त करने के लिए मनुष्य को स्वयं को योग्य बनाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कुसंग से दूर रहना और एकांत में भी सद्कर्मों पर अडिग रहना ही मनुष्य को श्रेष्ठ बनाता है।

तृतीय दिवस की कथा ने श्रद्धालुओं को भक्ति, वैराग्य और सच्ची प्रार्थना की महिमा से सराबोर कर दिया। कथा के दिव्य प्रसंगों को सुनने के लिए प्रतिदिन बड़ी संख्या में भक्त जन कथा स्थल पर एकत्र हो रहे हैं।

इस मौके पर पूर्व पार्षद राजेंद्र बेरी, यशपाल चौधरी, अभिषेक चौधरी, प्रमोद अरोड़ा, संजीव कुमार (USA), सुनील नय्यर, उमेश औहरी, संजय सहगल, हरीश सचदेवा, चंदन वडेरा, ब्रिज मोहन चड्ढा, हेमंत थापर, भूपेंद्र सिंह, राजवंश मल्होत्रा, देवेंद्र अरोड़ा, रिंकू मल्होत्रा, अंकुश जुनेजा,

अंगद तलवाड़, सोनू चोपड़ा, सुमित गोयल, संदीप कुमार, तरुण सरीन, जितेंद्र कुमार, अश्विनी मिटां, राजेश बिगमल, बलविंदर शर्मा, अरुण मल्होत्रा, देविंदर वर्मा, नरेंद्र वर्मा, राहुल शर्मा, हरीश महेंद्रू सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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