रोजाना भास्कर (अमृतसर): पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस आज सुबह श्री अकाल तख्त साहिब के समक्ष पेश हुए, जहां उन्होंने 24 जुलाई को श्रीनगर में हुए विवादित कार्यक्रम को लेकर अपना स्पष्टीकरण दिया।
इस कार्यक्रम में गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर नाच-गाने की प्रस्तुति करवाई गई थी, जिसे लेकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचने की बात सामने आई थी।
श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज की अगुआई में बैठक में बैंस को धार्मिक सेवा की सजा सुनाई गई। कुछ ही देर में जत्थेदार इस पूरे मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्थिति स्पष्ट करेंगे।
धार्मिक सेवा के तहत हरजोत सिंह बैंस को दिए गए आदेश
आज ही हरमंदिर साहिब से गुरुद्वारा गुरु का महल तक पैदल यात्रा करेंगे और रास्तों की स्थिति का जायजा लेंगे।
इस यात्रा के बाद संबंधित रास्तों की मरम्मत और सुधार कार्य करवाया जाएगा।
इसी तरह, गुरुद्वारा बाबा बकाला साहिब और अन्य ऐतिहासिक गुरुद्वारों तक जाने वाले रास्तों को भी 100 मीटर तक सुधारने की जिम्मेदारी दी गई है।
आनंदपुर साहिब में जाकर जोड़े (जूते) साफ करेंगे और ₹11,000 की कड़ा प्रसाद की देग भी अर्पित करेंगे।
इसके अलावा, मंत्री हरजोत सिंह बैंस दिल्ली स्थित गुरुद्वारा शीशगंज साहिब जाकर भी माथा टेकेंगे।
यह धार्मिक सेवा गुरु तेग बहादुर जी से संबंधित स्थलों के सम्मान और मर्यादा की पुनर्स्थापना के उद्देश्य से तय की गई है।
वहीं, इससे पहले इस आयोजन में प्रस्तुति देने वाले गायक बीर सिंह ने 25 जुलाई को अकाल तख्त पर पेश होकर सार्वजनिक माफी भी मांग ली थी।
इस पूरे घटनाक्रम ने पंजाब की धार्मिक और राजनीतिक हलचलों को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है।