चंडीगढ़/जालंधर, रोजाना भास्कर (हरीश शर्मा): देश में दवाओं की गुणवत्ता पर बड़ा सवाल खड़ा हुआ है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की सितंबर रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि 112 दवाएं क्वालिटी टेस्ट में फेल पाई गईं, जबकि एक दवा नकली निकली। इनमें पंजाब में बनी 11 दवाएं, जिनमें तीन कफ सिरप भी शामिल हैं, मानकों पर खरी नहीं उतरीं।

CDSCO के अनुसार, केंद्रीय प्रयोगशालाओं में 52 नमूने और राज्य प्रयोगशालाओं में 60 नमूने तय मानकों के अनुरूप नहीं मिले। इसी कारण ड्रग अलर्ट जारी किया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दवा को “नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी (NSQ)” तब माना जाता है जब वह गुणवत्ता के किसी तय पैमाने पर फेल हो जाती है। यह जांच विशेष बैच तक सीमित रहती है, इसलिए किसी एक बैच का फेल होना पूरी दवा को खराब नहीं ठहराता।
रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ की एक नकली दवा का मामला भी सामने आया है, जिसे एक अनधिकृत निर्माता ने किसी और कंपनी के नाम से तैयार किया था। इस पर जांच और कार्रवाई जारी है।
केंद्र सरकार हर माह राज्यों के सहयोग से दवाओं के नमूने लेकर जांच करती है। मानक से कम या फर्जी दवा मिलने पर उसे तुरंत बाजार से हटाने का आदेश दिया जाता है।
सरकार ने जनता से अपील की है कि सिर्फ लाइसेंसी मेडिकल स्टोर से ही दवाएं खरीदें और किसी भी संदिग्ध दवा की जानकारी स्थानीय औषधि नियंत्रण अधिकारी को दें।














