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18 माह के बच्चे को कुत्ते ने मां की गोद से झपटा, चेहरा नोचा, प्लास्टिक सर्जरी से चेहरा बचाने की कोशिश।

जालंधर रोजाना भास्कर (हरीश शर्मा)एक मां अपने बच्चे को अपना दूध पिला रही थी। कुत्ता बच्चे को उसकी गोद से झपटकर ले जाता है। मां के सामने उसे नोचने लगता है। मां उसे बचा तो लेती है लेकिन तबतक कुत्ता बच्चे के चेहरे को बुरी तरह नोच चुका होता है। यह घटना जालंधर के रेरू पिंड स्थित बचिंत नगर की है। घटना से पूरे इलाके में तहशत का माहौल है। अब डर सता रहा है कि कहीं लोग कुत्तों पर हमला न करना शुरू कर दें। इसी तरह की घटनाओं के बाद तेलंगाना के सिदीपेट नगर निगम ने 78 कुत्तों को मार डाला था।


वार्ड नंबर 2 के पार्षद सुशील शर्मा ने नगर निगम पर हमला बोलते हुए कहा कि क्या अब यह बच्चा पूरी उम्र भर भूल पाएगा कि उसके खूबसूरत चेहरे के साथ किसने यह दरिंदगी की थी। कुत्ता तो मारा जा चुका है। मगर निगम की आत्मा को क्या हुआ है। निगम कुत्तों की जनसंख्या पर नकेल कसने में नाकाम क्यो हो रहा है। भगवान ने कितना प्यारा बच्चा नीचे भेजा था। अब उसे उम्र भर का दाग निगम के चलते मिल गया है। हम कब से कह रहे हैं कि कुत्तों की संख्या को कंट्रोल करो। मगर निगम को होश नहीं है। क्या निगम इस मासूम के चेहरे की खूबसूरती को वापस लौटा पाएगा? निगम जल्द से कुत्तों की नसबंदी और नलबंदी के काम को युद्ध स्तर पर चलाए।

घटना शुक्रवार शाम की है। रेरू पिंड के बचिंत नगर में 18 महीने के शौर्य को अपनी गोद में लेकर दूध पिला रही पायल पत्नी सुदेश चड्डा पर एक कुत्ते ने हमला बोल दिया। कुत्ता पायल के बच्चे को गोद से झपटकर उसके सामने ही नोचने लगा। पायल ने बड़ी मुश्किल से बच्चे को बचाया। कुत्ता उसे छोड़ना नहीं चा रहा था। पास के लोगों की मदद से कुत्ते ने उसे छोड़ा। कुत्ते ने तबतक बच्चे के मुंह पर घाव कर दिए थे। फोटो में आप देख सकते हैं कि बच्चे का क्या हाल किया गया है।

बच्चा कपूर बोन एंड चाइल्ड अस्पताल में दाखिल है। जब उसकी प्लास्टिक सर्जरी चल रही थी तब मां पायल ने बताया कि हमारे बच्चे को काटने से पहले वह इलाके के तीन और बच्चों को काट चुका था। मेरे बेटे के मुंह और होंठ पर बुरी तरह से काटा है। अभी उसकी सर्जरी चल रही है।

मौके पर भारतीय जनता पार्टी के देहाती प्रधान अमरजीत सिंह अमरी और अन्य नेतागण भी मौजूद थे। सबका कहना था कि निगम को अब और देर नहीं करनी चाहिए। अमरी ने कहा कि अब यह समस्या शहरों के साथ साथ गांवों में भी बढ़ती जा रही है। आए दिन गांवों में भी कुत्तों द्वारा नोचे जाने के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में अब कैप्टन सरकार को कुत्तों को कंट्रोल करने के लिए एक पक्की नीति बनाने की ओर ध्यान देना चाहिए।

शौर्य के पिता सुदेश ने बताया कि कुछ दिन पहले हम मेयर जगदीश राजा से मिलने गए थे। कुत्तों की समस्या लेकर। कुत्ते इलाके में बहुत ज्यादा हो गए हैं। मेयर ने तब हमें साफ साफ कह दिया था कि वह कुछ नहीं कर सकते। उनका कहना था कि कुत्तों को रकने के लिए उनके पास कोई भी जगह नहीं है। यह भी कहा था कि उनके पास कुत्तों की नसबंदी वाले प्रोजेक्ट शुरू करने के पैसे भी नहीं हैं। सुदेश खुद भाजपा से जुड़े हैं।

सिविल अस्पताल में रोजाना 50 से ज्यादा लोग कुत्तों के काटने जाने के बाद एंटी रैबीज का टीका लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं। कई बार यह आंकड़ा 100 को भी पार कर जाता है। ऐसे में हर महीने 1500 से ज्यादा लोग तो अकेले सिविल में आ रहे हैं। शौर्य जैसे हजारों बच्चे ऐसे भी हैं जो प्राइवेट अस्पताल से टीका या अपना इलाज करवा लेते हैं। अभी तक किसी के पास भी सही आंकड़ा नहीं है लेकिन हर साल जिले में कम से कम 25-30 हजार लोगों को कुत्ते काट रहे हैं। अगर कुत्ते को रैबीज हुई और उसने किसी व्यक्ति को काट दिया तो शिकार हुए व्यक्ति को भी उस लाइलाज बीमारी के होने के चांस बढ़ जाएंगे।

गुरुनानकपुरा स्थित सिटी लैब और जौहल अस्पताल के मेडिकल स्पेशलिस्ट डॉ. जेएस बेदी ने बताया कि रैबीज एक न्यूरोट्रॉपिक वायरस है। यह अगर शरीर में पड़ा भी रहे लेकिन किसी नर्व के संपर्क में न आए तो सालों तक यूं ही निष्कृय रहेगा। नर्व यानी दिमाग से सीधे जुड़ने वाली तंत्रिका। अगर यह किसी नर्व में चला जाए तो दिमाग में पहुंचकर उसके सैल खाने लगता है। नर्वस सिस्टम डैमेज होने लगता है। धीरे धीरे जानवर या मरीज दिमाग नष्ट होने के चलते मारा जाता है। अगर रैबीज हो जाए तो जीव का मरना तय है।

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