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चंडीगढ़। Harish Sharma
हरियाणा में सियासी संकट के बीच अल्पमत में आई सैनी सरकार को बर्खास्त करने की मांग को लेकर कांग्रेस विधायक शुक्रवार को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मिलने राजभवन पहुंचे।
मगर विधायकों के पहुंचने से पहले ही राज्यपाल अपने तय कार्यक्रम के तहत राजभवन से निकल गए। राज्यपाल से मुलाकात न होने पर कांग्रेस के चीफ व्हिप बीबी बत्रा और सदन के उपनेता आफताब अहमद ने उनके सचिव को ज्ञापन सौंप अल्पमत की सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।
ऐसा न होने पर विधानसभा सत्र बुलाने और सरकार को बहुमत साबित करने के निर्देश देने की मांग रखी। उधर, मुख्यमंत्री नायब सैनी सरकार ने 15 मई को मंत्रिमंडल की बैठक बुला ली है। लोकसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच अचानक बैठक बुलाए जाने से कई कयास लगाए जा रहे हैं।
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नाम से लिखे ज्ञापन को सौंपने के बाद बत्रा और अहमद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं कि छह महीने पहले अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता, जबकि संविधान में ऐसा कहीं नहीं लिखा है।
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राजनीतिक परिस्थितियां व विधायकों की संख्या में बदलाव होने पर यह किसी समय भी लाया जा सकता है। इसलिए जरूरी है कि भाजपा सरकार विधानसभा में बहुमत साबित करे।
उन्होंने कहा कि तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद भाजपा सरकार को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।
उधर, निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने राज्यपाल को पत्र लिखकर फ्लोर टेस्ट की मांग की। उससे पहले इनेलो और जजपा भी राज्यपाल को पत्र लिखकर बहुमत साबित करने की मांग कर चुकी है।