हिमाचल में ‘खेला’ करने वाली भाजपा पर इस राज्य में अल्पमत का खतरा: निर्दलीय MLA के निधन के बाद बढ़ा संकट; 44 के बहुमत की जगह BJP के पास अब केवल इतने विधायक। पढ़ें सारी जानकारी

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Harish Sharma

खबर हिमाचल के पड़ोसी राज्य हरियाणा से है। यहां भाजपा सरकार पर अल्पमत का खतरा मंडराने लगा है। जिसके बाद बीजेपी हाईकमान सतर्क हो गया है।

कुछ दिन पहले हिमाचल में कांग्रेस के पूर्ण बहुमत वाली सुक्खू सरकार को गिराने की साजिश रचने वाली भाजपा के साथ हरियाणा में ‘खेला’ हो गया है। यहां गुरुग्राम के निर्दलीय विधायक के निधन से BJP सरकार पर अल्पमत का संकट गहरा गया है।

गुरुग्राम की बादशाहपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का कल (25 मई) को निधन हो गया था। हरियाणा विधानसभा में मौजूदा वक्त में कुल बहुमत का आंकड़ा 44 का है लेकिन भाजपा सरकार के पास अब 42 ही विधायकों का समर्थन बचा है।

ऐसे में विपक्षी फिर सरकार को फ्लोर टेस्ट करवाने के लिए घेरने की तैयारी में हैं। कांग्रेस और JJP पहले ही गवर्नर को लेटर लिखकर नायब सैनी सरकार के बहुमत साबित करने की मांग कर चुकी है।

जानें हरियाणा विधानसभा में मौजूदा स्थिति क्या है?

हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं। करनाल से मनोहर लाल खट्‌टर और रानियां से निर्दलीय रणजीत चौटाला के इस्तीफे के बाद 88 विधायक बचे थे।

इसके बाद बादशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का निधन हो गया। ऐसे में अब कुल विधायक 87 रह गए हैं और बहुमत का आंकड़ा 44 का हो गया है।

लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने मनोहर लाल खट्‌टर को सीएम की कुर्सी से हटाकर लोकसभा टिकट दे दी। उनकी जगह नायब सैनी सीएम बनाए गए। उन्हें भाजपा के 41, हलोपा के 1 और 6 निर्दलीय समेत 48 विधायकों का समर्थन मिला था।

हालांकि पहले खट्‌टर और फिर सरकार के समर्थन वाले रणजीत चौटाला ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद लोकसभा चुनाव के बीच 3 निर्दलीय विधायकों धर्मपाल गोंदर, रणधीर गोलन और सोमबीर सांगवान ने समर्थन वापस ले लिया। जिसके बाद सरकार के पास 43 विधायकों का समर्थन बचा।

खट्‌टर के इस्तीफे के बाद भाजपा के पास अपने 40 विधायक हैं। इसके अलावा उन्हें हलोपा के गोपाल कांडा और निर्दलीय नैनपाल रावत का केवल समर्थन प्राप्त है।

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विपक्षी दलों की क्या स्थिति है?

हरियाणा में कांग्रेस के पास 30 विधायक हैं। इसके अलावा जजपा के 10 और इनेलो का एक विधायक है। 4 निर्दलीय भी अब सरकार के विपक्ष में हैं। भाजपा के 42 के मुकाबले पूरे विपक्ष में 45 विधायक हो गए हैं।

हालांकि जजपा की ओर से अपने 2 विधायक जोगीराम सिहाग और राम निवास के विरुद्ध स्पीकर को दल-बदल विरोधी कानून के अंतर्गत याचिका दी गई है, जिसमें दोनों की सदस्यता समाप्त करने की मांग की गई है। अगर यह मंजूर हुआ तो भी विपक्ष के पास ज्यादा विधायक होंगे।

इसमें एक और दिलचस्प स्थिति 4 जून को बनेगी। सीएम नायब सैनी खट्‌टर की जगह करनाल से विधानसभा उपचुनाव लड़ रहे हैं। अगर वह सीट जीत जाते हैं तो फिर सत्ता पक्ष के पास 43 विधायक हो जाएंगे।