पंजाब में बाढ़ से हाहाकार: PM नरेंद्र मोदी ने किया गुरदासपुर और आसपास के इलाकों का हवाई सर्वे, राहत कार्यों में तेजी के दिए निर्देश

पहले हिमाचल प्रदेश गए पीएम, 1500 करोड रुपए के राहत पैकेज का ऐलान

रोजाना भास्कर (गुरदासपुर/नई दिल्ली): पंजाब के कई हिस्सों में आई विनाशकारी बाढ़ के चलते हालात बेहद गंभीर हो चुके हैं। इसी बीच मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर हालात का जायजा लिया।

प्रधानमंत्री ने पंजाब के लिए 1600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता देने का किया ऐलान

प्रधानमंत्री ने पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और गुरदासपुर में एक बैठक में नुकसान का आकलन किया।
प्रधानमंत्री ने पंजाब के लिए 1600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता की घोषणा, जो राज्य के पास पहले से उपलब्ध 12,000 करोड़ रुपये के अलावा होगी।
-मृतकों के परिजनों के लिए 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और घायलों के लिए 50,000 रुपये की सहायता की घोषणा।

प्रधानमंत्री पहले हिमाचल प्रदेश के दौरे पर थे और वहां से सीधे गुरदासपुर पहुंचे, जहां उन्होंने बाढ़ की तबाही और राहत कार्यों की प्रगति को लेकर अधिकारियों से विस्तृत जानकारी प्राप्त की।

प्रधानमंत्री मोदी के दौरे को लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। हवाई सर्वे के दौरान उन्होंने बाढ़ प्रभावित गांवों, फसलों और जलमग्न इलाकों की स्थिति को करीब से देखा। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि किस तरह से भारी बारिश के बाद नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा, जिससे कई गांव पूरी तरह डूब गए, घरों में पानी भर गया और हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं।

प्रधानमंत्री ने राज्य प्रशासन और राहत एजेंसियों को निर्देश दिए कि राहत और बचाव कार्यों में किसी भी प्रकार की ढिलाई न बरती जाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि प्रभावित लोगों को भोजन, पानी, दवाइयों और सुरक्षित आश्रय समय पर मिल सके। उन्होंने विशेष रूप से बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य पर जोर दिया।

पंजाब के गुरदासपुर, होशियारपुर, रोपड़, लुधियाना और पठानकोट जैसे जिलों में बाढ़ का प्रभाव सबसे ज्यादा देखा गया है। फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है, वहीं कई पुल और सड़कें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। राहत शिविरों में हजारों लोग शरण लिए हुए हैं, और प्रशासन लगातार बचाव कार्यों में जुटा है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसी भीषण बाढ़ उन्होंने वर्षों में पहली बार देखी है। कई जगहों पर अब भी संपर्क पूरी तरह से टूट चुका है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री का दौरा न सिर्फ प्रभावित लोगों के मनोबल को बढ़ाता है, बल्कि यह संकेत भी देता है कि केंद्र सरकार हालात पर गंभीरता से नजर बनाए हुए है।

प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि बाढ़ प्रभावित इलाकों को जल्द ही अतिरिक्त राहत पैकेज, पुनर्वास योजनाएं और बुनियादी ढांचे की मरम्मत के लिए केंद्र से वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

यह दौरा न सिर्फ एक राजनीतिक पहलू, बल्कि एक संवेदनशील मानवीय प्रयास के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें एक प्रधानमंत्री खुद स्थिति का आकलन कर लोगों की पीड़ा को समझने के लिए मैदान में उतरा। अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इस प्राकृतिक आपदा से उपजे संकट का समाधान किस तरह से करती हैं।