रोजाना भास्कर (वाशिंगटन/नई दिल्ली): अमेरिका ने H-1B वीजा की फीस बढ़ाकर लगभग ₹88 लाख (1 लाख डॉलर) कर दी है, जो पहले ₹1-6 लाख के बीच थी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 19 सितंबर को नए वीजा नियमों पर साइन किए।
इसके साथ ही ‘ट्रम्प गोल्ड कार्ड’ जैसी स्कीमें लॉन्च की गई हैं, जो अनलिमिटेड रेसीडेंसी का अधिकार देंगी – हालांकि पासपोर्ट और वोटिंग राइट्स नहीं मिलेंगे।
इस फैसले का सबसे बड़ा असर भारतीयों पर पड़ेगा, क्योंकि पिछले साल 71% H-1B वीजा भारतीयों को मिले थे। इतनी ऊंची फीस से मिड और एंट्री-लेवल कर्मचारियों के लिए अमेरिका जाना मुश्किल हो सकता है, और कंपनियां नौकरियां आउटसोर्स कर सकती हैं।