रिसोर्ट मालिक द्वारा कई सीसीटीवी फुटेज सामने नहीं आने दी गई, आप का नया नेता बन बैठा हिमायती; थाना के एसएचओ कर रहे निष्पक्ष जांच!
जालंधर रोज़ाना भास्कर (हरीश शर्मा): फगवाड़ा के बड़े रिसोर्ट मालिक के बेटे कियूष चावला और जवाहर नगर वासी कोनार्क मरवाहा और अक्षय अरोड़ा पर हुआ क्रॉस पर्चा बहुत बड़े बड़े राजनीतिक सिफारिशों और दबावो के बावजूद पुलिस ने दिया सच का साथ झूठी कम्प्लेंट और झूठे बयानों पर जल्दी ही पुलिस द्वारा अंदरूनी कार्यवाही की जा रही है
cctv फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि हिट-एंड-रन जिसमें महिंदर सिंह केपी के बेटे की मौत ऐसे हुई थी, वैसा ही हादसा रहीसज़ादे रिसोर्ट मालिक के बेटे ने दोहराया । कई ज़िंदगियों की परवाह ना करते हुए वडाला चौक से रविदास चौक तक रॉग साइड गाड़ी भगाई, कई लोगों की जान बाल-बाल बची और लोगों ने पकड़ कर सबक भी सिखाया, रहीसजादा शराब के नशे में चूर था।
रिसोर्ट मालिक ने अपने राजनीतिक संबंधों का ग़लत फ़ायदा उठाया और कपड़ा व्यापारी दीपक डाबर पर ग़लत आरोप लगाये। दीपक डाबर के पास आरोपी द्वारा गाड़ी मारने की बात क़बूल करते की वीडियो भी पुलिस को दी गई है।
शराबी हालत में गाड़ी चला क़ानून की धज़िया उड़ाता रिसोर्ट मालिक का बेटा कियूष चावला को और बढ़ावा देने वाले कोनार्क मरवाहा और अक्षय अरोड़ा पर भी पुलिस की कार्यवाही। बदमाशों द्वारा कपड़ा व्यापारी को धमकाया डराया भी गया दीपक डाबर द्वारा कानूनी करवाही जारी हाईकोर्ट तक तक जाएँगे।
रिसोर्ट मालिक द्वारा कई सीसीटीवी फुटेज सामने नहीं आने दी गई। क़ानून की धाजियाँ उड़ाने के साथ राजनीतिक पार्टियों के बड़े नेताओं ने दीपक डाबर की ओर से कम्प्लेंट या पर्चा रोकने के लिए लगाया ऐड़ी चोटी का ज़ोर लगाया अभी भी पुलिस के सच्चे अधिकारी जसविंदर द्वारा असली सच खंगालने की कोशिश जारी है।
कानून के लिए सच्चे अफ़सर की मिसाल देते हुए थाना प्रभारी जसविंदर सिंह ने सच का साथ देने के साथ आम सिविलियन नागरिक राइट्स के हक़ में तहक़ीक़ात शुरु कर दी है।
वडाला चौक के नाके के सामने से तेज रफ़्तार रविदास चौक तक रॉंग साइड गाड़ी जिसकी सीसीटीवी फुटेज भी कपड़ा व्यापारी के पास है उसको रोकने के लिए कपड़ा व्यापारी दीपक द्वारा लगातार हॉर्न मारने और अतिरिक्त यतन करने पर भी ना रुकने की वीडियो पुलिस को दे दी गई है।
पूरे प्रकरण में एक आप नेता जो व्यापारी से राजनीति में आया, दबाव बनाकर राजीनामा और कार्रवाई को आरोपी के हक में करवाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए है। ऐसे नेताओं से लोगों को न्याय की उम्मीद तो वैसे भी नहीं होती, अब तो ये पैसों के लिए लड़ाई-झगड़े में पार्टी बनकर मैदान में उतर जाते हैं।
क्योंकि राजनीतिक पद का दबाव अफसरों पर चलाना आसान है लेकिन थाना प्रभारी जसविंदर सिंह की जांच इनके मंसूबे कामयाब नहीं होने देगी। व्यापारी से राजनीति में आ गए लेकिन पैसे छापने की आदत नहीं गई, जबकि लोग इनसे विकास की उम्मीद कर रहे थे।