The Target News
नई दिल्ली । Harish Sharma
कैश के लिए एटीएम का इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों को आने वाले दिनों में झटका लग सकता है और एटीएम से कैश निकालना महंगा हो सकता है।
ग्राहकों पर पड़ेगा ये असर
ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, एटीएम आपरेट्र्स ने इंटरचेंज फीस को बढ़ाने की मांग की है।
इसके लिए उन्होंने रिजर्व बैंक और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम यानी एनपीसीआई से संपर्क किया है।
इंटरचेंज फी उस शुल्क को कहते हैं, जिसका भुगतान ग्राहक एटीएम से कैश निकासी की एवज में करते हैं।
अगर इस चार्ज को बढ़ाया जाता है तो एटीएम से कैश निकालने पर ग्राहकों को ज्यादा शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा।
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इतना बढ़ाने की हो रही मांग
एटीएम आपरेटर्स के संगठन कंफेडरेशन आफ एटीएम इंडस्ट्री यानी सीएटीएमआई का कहना है कि इस चार्ज (इंटरचेंज फीस) को अधिकतम 23 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन तक बढ़ाया जाना चाहिए।
एटीएम मैन्युफैक्चरर एजीएस ट्रांजेक्ट टेक्नोलोजीज का कहना है कि उसने इंटरचेंज फीस को बढ़ाकर 21 रुपये प्रति ट्रांसजेक्शन करने की मांग की है, लेकिन कई अन्य आप्रेटर्स की मांग 23 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन करने की है।
3 साल पहले हुए था बदलाव
इंटरचेंज फीस को आखिरी बार 2021 में बढ़ाया गया था।
उस समय इंटरचेंज फी को 15 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन से बढ़ाकर 17 रुपये किया गया था। उसके बाद से चार्ज 17 रुपये ही है।
आप्रेटर्स का कहना है कि चार्ज में पिछला बदलाव काफी अंतराल के बाद किया गया था, लेकिन इस बार देरी नहीं होगी।
उनका मानना है कि अब जल्दी ही इसमें बदलाव संभव है।
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क्या है इंटरचेंज फीस?
इंटरचेंज फीस का भुगतान एक बैंक के द्वारा दूसरे बैंक को किया जाता है।
मान लीजिए एटीएम कार्ड एसबीआई का है और एटीएम मशीन पीएनबी का।
ऐसे में होने वाले ट्रांजेक्शन के बदले एसबीआई की ओर से इंटरचेंज फीस का भुगतान पीएनबी को किया जाएगा।
बैंक अंतत: इस चार्ज का भार ग्राहकों पर ट्रांसफर करते हैं।