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Harish Sharma
लोकसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल बड़ा दांव खेलने जा रहा है। पार्टी ने अपने कोषाध्यक्ष एनके शर्मा को पटियाला से मैदान में उतारने का फैसला कर लिया है। दूसरे दिन भी पार्टी की बैठक में पटियाला समेत राज्य की अन्य सीटों से उम्मीदवारों को लेकर चर्चा हुई है।
एनके शर्मा, जो डेराबसी से पार्टी के विधायक भी रह चुके हैं, के नाम पर सभी इस बात पर सहमत हैं कि उन्हें पटियाला संसदीय क्षेत्र से मैदान में उतारा जाना चाहिए। उनका निर्वाचन क्षेत्र डेराबस्सी भी पटियाला संसदीय क्षेत्र में आता है। हालांकि इससे पहले प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा का नाम पटियाला से लिया जा रहा था।
डेराबस्सी के अलावा पटियाला, नाभा आदि शहरों में भी हिंदू बहुसंख्यक हैं, जिसका फायदा अकाली दल उठाना चाहता है।
एन के शर्मा एक जमीनी नेता हैं और डेराबस्सी में लोगों के लिए काम करने के लिए जाने जाते हैं। पार्टी अध्यक्ष सुखबीर बादल की अध्यक्षता में हुई बैठक में लोकसभा सीटों के जिला अध्यक्ष, निर्वाचन क्षेत्र प्रभारी और शिरोमणि समिति के सदस्य भी शामिल हुए।
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खबर यह भी है कि डॉ दलजीत सिंह चीमा श्री आनंदपुर साहिब से चुनाव लडऩा चाहते है। उन्होंने बिना टिकट मिले बैठकों का दौर भी शुरू कर दिया है लेकिन पार्टी ने श्री आनंदपुर साहिब से प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा के नाम पर भी मुहर लगा दी है, चाहे पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. दलजीत सिंह चीमा भी इस सीट से चुनाव लडऩे के इच्छुक थे, लेकिन चंदूमाजरा इस सीट से सांसद रह चुके हैं, जिसके चलते उन्हें यहां से उम्मीदवार चुनने पर विचार किया जा रहा है।
श्री खडूर साहिब से विरसा सिंह वल्टोहा के नाम पर सहमति बनी है। उनका अपना विधानसभा क्षेत्र खेमकरण भी श्री खडूर साहिब का हिस्सा है। वल्टोहा को पार्टी के तेजतर्रार नेताओं में माना जाता है।
होशियारपुर से पूर्व मंत्री सोहन सिंह ठंडल के अलावा हाल ही में पार्टी में शामिल हुए पूर्व जिला स्वास्थ्य अधिकारी लखबीर सिंह के नाम पर भी चर्चा हुई। इन दोनों में से किसी एक को ही टिकट दिया जाएगा। इस सीट पर अकाली दल पहली बार अपना उम्मीदवार उतारेगा। फिलहाल पार्टी लुधियाना से किसी बड़े चेहरे की तलाश में है।
बैठक में विधानसभा में पार्टी नेता मनप्रीत सिंह अयाली भी शामिल हुए। अयाली लंबे समय से पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं, जिसके चलते उन्होंने बैठकों से दूरी बनाए रखी है। अब बैठक में शामिल होने के बाद यह तय हो गया है कि अब वे नेतृत्व के पीछे ही चलेंगे।