नई दिल्ली । Harish Sharma
इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया जब इजरायली जासूसों ने ईरान की राजधानी तेहरान में हमास के नेता इस्माइल हनिया को मार गिराया। इस ऑपरेशन को इजरायल की एक बड़ी कामयाबी के रूप में देखा जा रहा है।
तेहरान में धमाका: मोसाद ने उड़ाया हनिया का घर
मोसाद के जासूसों ने हनिया के ठिकाने पर हमला करते हुए, तेहरान में उनके घर को उड़ा दिया। हमास ने इस बात की पुष्टि की है कि हनिया की हत्या कर दी गई है।
ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने भी इस घटना की पुष्टि की है, जिसमें हनिया के साथ-साथ उनके एक बॉडीगार्ड की भी मौत हो गई।
➡️ पेरिस ओलंपिक में पहला मैडल जितने वाली मनु भाकर से देखें प्रधानमंत्री नरिंदर मोदी ने बात की, Video देखने के लिए इस Line को दबाए।
हनिया का अटैक से एक दिन पहले राष्ट्रपति शपथ समारोह में शामिल हुए
हमले से एक दिन पहले, इस्माइल हनिया ईरान के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे और उन्होंने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई से भी मुलाकात की थी।
इजरायली एयरस्ट्राइक में हनिया के तीन बेटों की मौत
इससे पहले, अप्रैल 2024 में, इजरायली सुरक्षाबलों ने हनिया के तीन बेटों—आमिर, हाजेम, और मोहम्मद—को गाजा पट्टी पर एयरस्ट्राइक में मार गिराया था। IDF के अनुसार, ये तीनों आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की तैयारी कर रहे थे।
7 अक्टूबर का बदला?
7 अक्टूबर 2023 को हुए हमास के हमले में 1200 लोगों की मौत के बाद से इजरायल और हमास के बीच जंग जारी है। हमास ने उस समय 250 नागरिकों को बंधक बना लिया था, जिनमें से कुछ अब भी उनके कब्जे में हैं।
हमास का दावा है कि इजरायली हमलों में 39 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए हैं, जबकि इजरायल का कहना है कि उसने 14 हजार से ज्यादा हमास के लड़ाकों को मार गिराया है।
कौन हैं इस्माइल हानिया?
1962 में गाजा पट्टी के अल-शती शरणार्थी शिविर में जन्मे इस्माइल हनिया एक प्रमुख फिलिस्तीनी नेता थे। उन्होंने 2006 से 2007 तक फिलिस्तीनी प्राधिकरण के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया।
हमास ने 2006 के फिलिस्तीनी चुनावों में सबसे ज्यादा सीटें जीतीं, जिसके बाद गाजा पट्टी में हमास के नेतृत्व वाली सरकार की स्थापना हुई। 2017 में, हनिया को खालिद मेशाल की जगह हमास के राजनीतिक ब्यूरो प्रमुख के रूप में चुना गया।