ऊना । संतोषगढ़ । गौतम
(Rain has shown its fierce form in Himachal’s Una) हिमाचल के ऊना मे बारिश ने अपना रौद्र रूप दिखाया है। जिसका सबसे ज्यादा असर विधानसभा हरोली में दिखा है। कई जगह गांव के रास्ते तक बंद हो गए।
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ऊना में इस साल की हुई पहली ही बारिश ने कहर बरपाया है। जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो चुका है। बरसात से कंपनियों के बाहर खड़े कर्मचारियों के दर्जनों वाहन बह कर खड्ड में पहुंच गए।
रविवार की सुबह जैसे जैसे बारिश शुरू हुई नदी नालो ने अपना रोद्र रूप धारण कर लिया, भारी बारिश से खड्डो का जलस्तर तेजी से बढ़ गया। इसके कारण कई जगहों पर बाढ़ की स्थिति बन गईं टाहलीवाल के बाथू बाथड़ी में तो खड्ड ने ऐसा रोद्र रूप धारण किया के करीब एक दर्जन उद्योगो में पानी चला गया जिसमे उद्योगो का करोडो रुपए का नुक्सान बताया जा रहा है।
बरसाती पानी आने से उद्योगो में पड़ी सम्पत्ति बाढ़ अपने साथ समा ले गई उद्योगो में काम करने आए कामगारो के दोपहिया वाहन व चार पहिया वाहन भी खड्ड में दो दो किलोमीटर दूर जाकर मिले है। बाढ़ का बहाव इतना तेज था की पानी बाथड़ी के पुल से ऊपर गुजर कर जा रहा था जिससे साथ लगते ठाकुर पट्रोल पम्प को भी बहुत ज्यादा नुक्सान हुआ है।
प्रभावित उद्योगो में हिम केमकील, मिली ट्रेंड. प्रीतिका,वर्धमान इसपात, इस्कॉन उद्योग, सूरी फ्लेक्स, राम कृपा एग्रो, मुस्कान उद्योग, कोटिनेटल, नेचर एग्रो, अतुल ऑटो मोटीव सेफ्टी,हिम बायो एग्रो में करोड़ो रुपए का नुक्सान हुआ है
बाढ़ में बह गए तीन प्रवासी बच्चे
बाथू में बाढ़ की चपेट में आने से तीन बच्चे पानी में बह गए जिसमे से दो बच्चों के शव प्रशाशन द्वारा निकाल लिए गए है व एक बच्चे का शव अभी भी लापता बताया जा रहा है मृतकों में तनु, मनीषा, राशि नामक बच्चियों की मौत हो गईं है।
करीब 4 घंटे बंद रही आवाजाही
बाथू खड्ड में भारी बारिश का पानी आने से करीब 4 घंटे वाहनों की आवाजाही मुख्यमार्ग पर बिलकुल बंद रही जिससे लोगो को भारी कठिनाइओ का समाना करना पड़ा।
DC ऊना ने हरोली क्षेत्र में देखा मौका
जिलाधीश ऊना जतिन लाल द्वारा विधानसभा हरोली के कई गांवों का दौरा किया गया है। उन्होंने
बाथू बाथड़ी में हुए भारी नुक्सान का जायजा भी लिया और हर सम्भव सहायता देने की बात कही।
सरकार उठाए कोई उचित कदम
हरोली ओद्योगिक क्षेत्र के अध्यक्ष राकेश कौशल ने सरकार से मांग की है हर वर्ष उद्योगपतिओ को बाढ़ की मार का दंश झेलना पड़ता है, जिससे हर साल उद्योगपतियों को करोड़ो का नुक्सान उठाना पड़ रहा है इसके लिए कोई उचित योजना सरकार तैयार करे जिससे बाढ़ उद्योगो को नुकसान ना पहुंचा सके।