चंडीगढ़। Harish Sharma
(Government Takes Major Step Against Illegal Colonies in Punjab) पंजाब सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए राज्य में गैर पंजीकृत सोसाइटियों और जिन सोसाइटियों का कोऑपरेटिव रजिस्ट्रार के साथ कानूनी विवाद चल रहा है, उनके नक्शे पास करने पर पूरी तरह रोक लगा दी है।
गैर पंजीकृत सोसाइटियों में जिन मकानों के नक्शे पहले से पास हो चुके हैं, उनका रिकॉर्ड तलब किया गया है और ऐसी सोसाइटियों में आगे नक्शे पास करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। राज्य में हाउस बिल्डिंग सोसाइटियों को तीन जोनों में विभाजित किया गया है: पटियाला, फिरोजपुर और जालंधर डिवीजन।
कोऑपरेशन विभाग ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकृत हाउसिंग सोसाइटियों की जानकारी साझा की है, ताकि खरीदार गैर पंजीकृत सोसाइटियों में प्लॉट या शेयर खरीदकर फंसे नहीं।
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सरकार की नजर अब अवैध और बिना पंजीकरण के चल रही सोसाइटियों पर है। अभी तक तहसील और सरकारी तंत्र का प्रयोग कर गैर पंजीकृत सोसाइटियों में बिना नक्शे या किसी तरह नक्शा पास करवाकर निर्माण किया जा रहा था, लेकिन सरकार के इस फैसले ने अब गैर पंजीकृत सोसाइटियों के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
कोऑपरेशन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह आदेश दिए हैं कि प्रदेश भर में जो भी हाउसिंग सोसाइटी सरकार के मानकों को पूरा नहीं कर रही, उसका रिकॉर्ड तैयार करें।
पंजाब में तीन जोनों में हाउसिंग सोसाइटियों को बांटा गया है। पटियाला डिवीजन के अंतर्गत बरनाला, फतेहगढ़ साहिब, पटियाला, मोहाली, लुधियाना, संगरूर और रोपड़ शामिल हैं। फिरोजपुर डिवीजन में फाजिल्का, मानसा, फिरोजपुर, बठिंडा, मुक्तसर और मोगा जिले हैं। जालंधर डिवीजन में तरनतारन, कपूरथला, अमृतसर, गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, एसबीएस नगर और पठानकोट का एरिया शामिल है।
पंजाब सरकार प्रदेश में अवैध कॉलोनियों पर भी लगातार शिकंजा कस रही है। सरकार ने प्लॉट की रजिस्ट्री कराते समय कॉलोनाइजर और प्लॉट मालिक को डेवलपर के लाइसेंस, लाइसेंस जारी करने की तारीख, पैन नंबर और अन्य अहम दस्तावेज जमा कराना अनिवार्य कर दिया है। प्रदेश में करीब 15 हजार अवैध कॉलोनियां हैं। अर्बन लोकल बॉडीज विभाग ने हर जिले को संबंधित आदेश जारी किए हैं।