बाजवा बोले-गांव लूटने काले-कच्छे वाले आए; सरकार आने दो, नोबेल देंगे, बिल की कॉपी नहीं मिली
रोजाना भास्कर, चंडीगढ़/जालंधर। पंजाब विधानसभा का आज (10 जुलाई) को दो दिवसीय स्पेशल सेशन शुरू हुआ। पहले दिन की कार्यवाही मात्र 11 मिनट में संपन्न हो गई। इस दौरान तरनतारन के विधायक डॉ. कश्मीर सिंह सोहल, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा, लेखक डॉ. रतन सिंह जग्गी, शहीद नायक सुरिंदर सिंह,
बलजीत सिंह के अलावा अहमदाबाद प्लैन क्रैश मारे गए लोगों और अबोहर के कपड़ा व्यापारी संजय वर्मा को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद सेशन की कार्यवाही 11 जुलाई सुबह 10 तक स्थगित कर दी गई। हालांकि विधानसभा के बाहर विपक्ष ने कानून व्यवस्था के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरा।
सरकार ने अमन कानून व्यवस्था के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना कि गैंगस्टर लॉरेंस बिश्ननोई गुजरात की जेल में बंद है। वहां पर बीजेपी की सरकार है। वह जेल से बैठा ही पंजाब में हत्याओं को अंजाम दे रह है। वहीं, लैंड पूलिंग के तहत जमीन एक्ववायर
करने के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि काले कच्छे गांवों को लूटने आ गए हैं। लाठियां लेकर कोठों पर आ जाओ, एक भी मरला जमीन इनको नहीं देनी है। बेदअबी पर जो कल जो बिल लाया जाना है, हमारे पास अभी तक बिल की कोई कॉपी नहीं आई है। अगर सरकार इस मामले को लेकर गंभीर होती, तो एक-दो दिन पहले हमें बिल की कॉपी दे देती। जिस पर हम अध्ययन कर लेते।
उन्होंने कहा कि हमने स्पीकर से निवेदन किया था कि सत्र की अवधि बढ़ाई जाए। एक दिन कानून व्यवस्था और एक दिन लैंड पूलिंग के मुद्दे पर रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी पहचान “जय जवान, जय किसान” थी। जवानों की पहचान मोदी ने निपटा दी, किसानों को इन्होंने कर निपटा देना है।
सीएम मान भी नहीं तैयार थे लैंड पूलिंग बिल के लिए
बाजवा ने आरोप लगाया कि लैंड पूलिंग बिल के लिए सीएम भगवंत मान पहले खुद तैयार नहीं थे। सीएम मान को जानकारी है कि अगर हस्ताक्षर किए तो वे फसेंगे। इसलिए उन्होंने पहले साइन करने से मना कर दिया था, लेकिन दो घंटे के बाद हस्ताक्षर कर दिए।
अगर ये बिल सही है तो शक्तियां चीफ सेक्रेटरी को क्यों दी गई हैं। दरअसल, 2027 में सरकार बदल जाएगी और चीफ सेक्रेटरी 2027 में सरकार बदलने के 2-3 में रिटायर हो जाएंगे। सोचिए, उसके बाद किसे पकड़ेंगे।