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नई दिल्ली । Harish Sharma
लोकसभा चुनाव के बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई जारी है। सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने सोमवार (6 मई 2024) को झारखंड रांची में बड़ी कार्रवाई करते हुए मनी लान्ड्रिंग को लेकर करीब 6 स्थानों पर रेड की।
सूत्रों के मुताबिक, ईडी की ये कार्रवाई निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेन्द्र राम और उनके करीबियों के ठिकानों पर की जा रही है।
छापेमारी के दौरान ईडी को झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल के घरेलू नौकर के घर से भारी मात्रा में कैश मिला है।
#WATCH | The Enforcement Directorate is conducting raids at multiple locations in Ranchi. Huge amount of cash recovered from household help of Sanjiv Lal – PS to Jharkhand Rural Development minister Alamgir Alam, in Virendra Ram case.
ED arrested Virendra K. Ram, the chief… pic.twitter.com/VTpUKBOPE7
— ANI (@ANI) May 6, 2024
ईडी के अधिकारियों ने बताया कि सुबह 9.30 बजे तक 20 करोड़ से ज्यादा की गिनती हो चुकी थी।
नोटों की गिनती अब भी जारी है। छापेमारी में सेल सिटी समेत कई जगहों पर ईडी की टीम पहुंची है।
बता दें कि चीफ इंजीनियर वीरेन्द्र राम टेंडर कमीशन घोटाले में निलंबित हैं।
मंत्री के पीएस के नौकर के यहां से भारी मात्रा में कैश बरामद
खबर के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय रांची में कई ठिकानों पर छापेमारी कर रहा है।
वीरेन्द्र राम मामले में झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल के नौकर के यहां से भारी मात्रा में नकदी बरामद की गई है।
ईडी ने कुछ योजनाओं के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लान्ड्रिंग मामले में फरवरी 2023 में झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेन्द्र के. राम को गिरफ्तार किया था।
पिछले साल हुई थी गिरफ्तारी
प्रवर्तन निदेशालय ने टेंडर में कमीशन घोटाले को लेकर 22 फरवरी 2023 को वीरेन्द्र राम को गिरफ्तार किया था।
इससे एक दिन पहले 21 फरवरी को ईडी ने वीरेन्द्र के 24 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी।
छापेमारी के दौरान ईडी को लगभग डेढ़ करोड़ के जेवरात समेत देश के कई शहरों में करोड़ों के निवेश से जुड़े दस्तावेज मिले थे।
वहीं चार्जशीट में वीरेन्द्र के अलावा टेंडर मैनेज कर अवैध कमाई करने वाले लोगों के बारे में भी जानकारी दी गई थी।
साथ ही यह भी बताया गया था कि किस-किस को कितना हिस्सा मिलता था और किसकी क्या भूमिका थी।
ईडी पूछताछ में क्या बताया था?
दरअसल, वीरेन्द्र राम ने खुद ईडी के सामने यह बात कबूल की थी कि उसने आईटीआर में सारी जानकारी गलत दी थी।
उसके खाते में साल 2014-15 व 2018-19 के दौरान 9.30 करोड़ व दिसंबर 22 से जनवरी 2023 के बीच 4.50 करोड़ रुपये उसके जीवन भर की कमाई से कहीं अधिक है।
ईडी ने जांच में पाया कि साल 2019 के बाद वीरेन्द्र राम व उसके चचेरे भाई आलोक रंजन एक साथ कई बार दिल्ली गए।
साथ ही हर बार मोटी रकम वे साथ ले जाते थे और ये रकम सीए मुकेश मित्तल को हैंडओवर किया जाता था।
ईडी पहले ही अटैच कर चुकी है वीरेन्द्र राम की करोड़ों की संपत्ति
निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेन्द्र राम ने झारखंड के ग्रामीण इलाकों में सडक़ निर्माण व अन्य टेंडर जारी करने के बदले .3 परसेंट से लेकर 1 परसेंट तक कमिशन लेने की बात कबूल की थी।
ईडी ने बाद में वीरेन्द्र राम की करोड़ों रुपये की चल-अचल संपत्ति भी अटैच की थी।
ईडी को शक है कि पिछले साल झारखंड के ग्रामीण इलाकों की सडक़ के निर्माण के लिए 10 हजार करोड़ रुपये के टेंडर अलाट किए गए, जिनमें मोटा कमीशन लिया गया।
ईडी को शक है कि निलंबन के बावजूद वीरेन्द्र राम अब भी टेंडर रैकेट से जुड़े थे।