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रूठे केपी को मनाने पहुंचे कैप्टन, पर केपी चौधरी के लिए क्या बोले? कैप्टन और कांग्रेस के बारे केपी के क्या हैं विचार, जानने के लिए पढ़ें…

जालंधर (हरीश शर्मा). लोकसभा हलका जालंधर के लिए प्रत्याशी चौधरी संतोख सिंह की राह में कांटे न आएं, इसलिए कैप्टन अमरिंदर सिंह सोमवार दोपहर करीब 1 बजे पार्टी से नाराज चल रहे मोहिंदर सिंह केपी को मनाने उनके घर पहुंचे। कैप्टन का स्वागत केपी ने जोश से किया और कैप्टन ने भी उन्हें गले लगाया। कैप्टन केपी को लेकर चौधरी के नामांकन के लिए डीसी कांप्लेक्स जाने को तैयार हैं। लेकिन इससे पहले पत्रकारों से बातचीत में केपी ने कहा कि कैप्टन मेरे घर आ रहे हैं, इसका मैं धन्यवादी हूं। हां, टिकट न मिलने का मुझे और परिवार को दुख हुआ और इसी कारण पार्टी के प्रति रोष भी था। हम पुराने कांग्रेसी हैं। मेरे पिता ने पार्टी के लिए कुर्बानी दी। आजादी से पहले से हम पार्टी से जुड़े हैं। हमारा परिवार पार्टी का सच्चा सिपाही रहा है। कैप्टन ने कहा है कि आप पार्टी के लिए काम करें। इसलिए हम तैयार हैं और जालंधर में चौधरी संतोख के लिए ही नहीं, पंजाब की 13 सीटों पर पार्टी के लिए काम करेंगे। केपी ने कहा कि वैसे तो जालंधर मेरा गढ़ रहा है और जालंधर से ही राजनीतिक म्यार को ऊंचाई मिली। लेकिन पार्टी कहेगी तो जालंधर-पंजाब तो क्या, दिल्ली में भी काम करने को तैयार रहूंगा।

चंदन ग्रेवाल के बारे बोले- हर कोई चाहता है काम करने वाला सीट से हटे और वह सीट संभाले
चंदन ग्रेवाल के आदमपुर हलके का इंचार्ज बनने की चाहत के बारे केपी ने कहा कि हर कोई चाहता है कि जो व्यक्ति कहीं काम कर रहा है, वह वहां से हटे तो उसकी जगह ले। मैं पार्टी के लिए काम करता आया हूं और आगे भी करूंगा। हमारी पार्टी डेमोक्रेटिक पार्टी है और मैंने अपना रोष जाहिर किया था। पार्टी ने हमेशा मुझ पर भरोसा किया है, उसकी मिसाल है कि जब मुझे प्रधान बनाया गया तो उस समय मैं इंडिया में भी नहीं था। अब जब मैं सीनियर लीडरशिप से नाराज था तो अकाली-भाजपा ने मुझे काल की थी लेकिन मेरी पहल कांग्रेस ही थी। मुझे कांग्रेस में ही रहना है और कांग्रेस में ही जीना मरना है।

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