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सन्नी दयोल के लिए तैयार हो गया स्याल हाऊस क्या है स्याल हाऊस और क्यों तैयार किया गया सन्नी के लिए सन्नी नामांकन से पहले सीधा आएंगे स्याल हाऊस

गरदासपुर। (हरीश शर्मा) गुरदासपुर से सनी देओल की उम्मीदवारी से स्याल हाउस में रौनक लौट आई है। लोकसभा चुनाव के लिए छह दिन पहले स्याल हाउस का उद्घाटन किया गया था। इसके बाद से यह सूना पड़ा था। स्याल हाउस छठी बार भाजपा का लोकसभा दफ्तर बनाया गया है। इसे पूर्व सांसद विनोद खन्ना का लकी दफ्तर कहा जाता है, क्योंकि इसी दफ्तर से सारी गतिविधियों को चला विनोद खन्ना ने चार बार चुनाव जीता। उनके निधन के बाद 2017 उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी स्वर्ण सलारिया ने डल्हौजी रोड पर दफ्तर खोला और वह हार गए।
1998 में जब विनोद खन्ना गुरदासपुर से चुनाव लड़ने आए, तो उन्होंने शहर के बजरी कंपनी स्थित स्याल हाउस में पूरे लोकसभा हलके का चुनाव कार्यालय खोला और चुनाव जीते। टिंबर कारोबारी की कोठी स्याल हाउस ज्यादातर बंद रहती है, सिर्फ चुनावों में ही दफ्तर बनती है। फिर 1999, 2004, 2009 और 2014 में स्याल हाउस ही खन्ना का चुनाव दफ्तर रहा। 2017 में स्वर्ण सलारिया अपना दफ्तर यहां से हटाकर एसडीएम कोर्ट के सामने ले गए। लिहाजा, एक बार फिर पार्टी ने स्याल हाउस में ही चुनाव दफ्तर बनाने का फैसला लिया है।दयोल परिवार के तीसरे सदस्य ने राजनीति में एंट्री की है। धर्मेंद्र 2004 में बीकानेर से सांसद थे। हेमा मालिनी मथुरा से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं।

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