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चुनावों से पहले हैनरी व रिंकू में खड़क गई… क्या हुआ कि दोनों में दोबारा खटास पैदा हो गई… रोजाना भास्कर की इनसाइड स्टोरी…

जालंधर (हरीश शर्मा). जालंधर वेस्ट से विधायक सुशील रिंकू व पूर्व मंत्री अवतार सिंह हैनरी के बीच खड़क गई है। अंदर ही अंदर खटास इतनी पैदा हो चुकी है कि मतदान से पहले या बाद में किसी भी वक्त धमाका हो सकता है। हैनरी व रिंकू के बीच पहली खटास का कारण बना, चौधरी संतोख सिंह के नामांकन का दिन। डीसी कार्यालय के बाहर स्टेज पर जब वड्डे हैनरी बोलने के लिए आए तो उनहोंने स्टेज पर बैठे तमाम जीते-हारे विधायकों के नाम लिए लेकिन सुशील रिंकू का नाम नहीं लिया। उसका नाम छोड़ दिया। सुशील रिंकू के समर्थकों के चेहरों पर गुस्सा आ गया लेकिन रिंकू ने उनको इशारा करके रोक दिया।
हैनरी की तरफ इससे चंद दिन पहले भी एक ऐसा काम किया गया, जिसमें वह रिंकू के कट्टर विरोधी शीतल अंगुराल के एक कार्यक्रम में शरीक होने के लिए पहुंच गए। हालांकि रिंकू व बावा हैनरी के बीच तय हुआ था कि दोनों एक-दूसरे के क्षेत्र में दखलअंदाजी नहीं करेंगे और इसके बाद रिंकू के दिल में हैनरी के प्रति साफ्ट कार्नर आ भी गया था। रिंकू ने अवतार हैनरी को अदब से बुलाना शुरू कर दिया था। लेकिन हैनरी ने रिंकू के विरोधी के कार्यक्रम में शिरकत करके साफ संकेत दे दिया कि वह राजनीतिक जंग जारी रखेंगे। इस बात का रिंकू समर्थकों ने जबरदस्त विरोध किया है और बावा हैनरी को भी इस बात का साफ इशारा कर दिया है कि उनको नार्थ इलाके में पंगा लेना आता है। यह भी किसी से छिपा नहीं है कि रिंकू और ढल्ल ब्रदर्स में भाईचारा है और दोनों डायनामिक कौंसलर ग्रुप में एक साथ रहे हैं। ​इतना ही नहीं, रिंकू व तजिंदर सिंह बिट्टू में भी दोस्ताना जगजाहिर है। लेकिन रिंकू ने काफी समय से हैनरी के इलाके में दखलअंदाजी व राजनीति बंद कर दी थी लेकिन हाल ही में तेजी से ऐसी घटनाएं हैनरी कैंप की तरफ से घटी है, जिसको लेकर रिंकू गुट का पारा चढ़ चुका है और वह हैनरी को इसका उत्तर देने की तैयारी कर रहे हैं। यह भी किसी से छिपा नहीं है कि हैनरी के इलाके में बालकिशन बाली, तजिंदर सिंह बिट्टू, ढल्ल ब्रदर्स का खासा नेटवर्क है और तीनों हैनरी के कट्टर विरोधी हैं। हैनरी ने एक बार फिर से शांत पड़े युद्ध को हवा दे दी है और आने वाले दिनों में जंग ​खुलेआम होने की प्रबल संभावना है क्योंकि विधायक बनने के बाद रिंकू का कद काफी ऊंचा हो गया है और सीएम कैप्टन की वह गुड बुक में हैं। इससे पहले रिंकू पंजाब के पावरफुल मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ मोर्चा खोलकर जंग जीत चुके हैं। इतना ही नहीं, पावरफुल केपी की सीट कटवाकर खुद चुनाव जीतकर विधायक बन चुके हैं।

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