अजब-गजब

आज आपके लिए कुछ अलग… किस्से ऐसे, जो नसीहत देते हैं…

एक दिन लड़कियों के एक स्कूल के क्लास में किसी का पेन खो गया। टीचर सभी लड़कियों के बैग चेक करने लगीं।लेकिन उन में से एक लड़की किसी प्रकार अपना बैग टीचर को बैग चेक करने नहीं दे रही थी।टीचर गुस्से में आ गयी क्योंकि उन्हें लगा कि पेन अवश्य इसीके बैग में है।लड़की ज़मीन पर गिर गई लेकिन बैग टीचर को नहीं दे रही थी।इतने में स्कूल की प्रिंसिपल आ गईं।उन्होंने टीचर को रोका और पूछने लगीं की क्या हो रहा है।सारी बात समझकर उन्होंने लड़की को शर्मिंदगी से बचाने के लिए उसे लेकर अपने चैम्बर में ले गईं।वहां उसने अपना बैग खोलकर दिखाया।उसके बैग में लड़कियों द्वारा फेंके हुए खाने थे जो वह चुपचाप उठा लेती थी।बहुत पूछने पर बताया कि वह इसे अपने माँ बाप के लिए ले जाती है जिससे वे भूख से न मर जाएं।टीचर ने उस बच्ची को गले लगा लिया। …यह एक अरबी कहानी है और बताया जाता है कि इस पर जो वीडियो बनी, उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया गया।
बच्चों को एक सीख लेनी चाहिए कि अन्न की क्या कीमत होती है और अपने देश में भी लाखों लोगों को दो वक्त का भोजन नहीं मिलता। कृपया भोजन फेंके नहीं।
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मेरी माँ का ब्लड प्रेशर और शुगर बढ़ा हुआ था, सो सवेरे सवेरे उन्हें लेकर उनके पुराने डॉक्टर के पास गई, क्लिनिक से बाहर उनके गार्डन का नज़ारा दिख रहा था जहां डॉक्टर साहब योग और व्यायाम कर रहे थे मुझे करीब 45 मिनिट इंतज़ार करना पड़ा।
कुछ देर में डॉक्टर साहब अपना नींबू पानी लेकर क्लिनिक आये और माँ का चेकअप करने लगे। उन्होंने मम्मी से कहा आपकी दवाइयां बढ़ानी पड़ेंगी और एक पर्चे पर करीब 5 या 6 दवाइयों के नाम लिखे। उन्होंने माँ को दवाइयां रेगुलर रूप से खाने की हिदायत दी। बाद में मैंने उत्सुकता वश उनसे पूछा कि क्या आप बहुत समय से योग कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि पिछले 15 साल से वो योग कर रहे हैं और ब्लड प्रेशर व अन्य बहुत सी बीमारियों से बचे हुए हैं!

मैं अपने हाथ मे लिए हुए माँ के उस पर्चे को देख रही थी जिसमे उन्होंने BP और शुगर कम करने की कई दवाइयां लिख रखी थी?
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सर में भयंकर दर्द था सो अपने परिचित केमिस्ट की दुकान से सर दर्द की गोली लेने रुकी। दुकान पर नौकर था ,उसने मुझे गोली का पत्ता दिया तो उससे मैंने पूछा गोयल साहब कहाँ गए हैं, तो उसने कहा साहब के सर में दर्द था सो सामने वाले कैफ़े में काफी पीने गये हैं अभी आते होंगे!!
मैं अपने हाथ मे लिए उस दवाई के पत्ते को देख रही थी?
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अपनी मित्र के साथ एक ब्यूटी पार्लर गई। मेरी सहेली को हेयर ट्रीटमेंट कराना था क्योंकी उनके बाल काफी खराब हो रहे थे। रिसेप्शन में बैठी लड़की ने उन्हें कई पैकेज बताये और उनके फायदे भी। पैकेज 1200 से लेकर 3000 तक थे कुछ डिस्काउंट के बाद मेरी मित्र को उन्होंने 3000 रु वाला पैकेज 2400रु में कर दिया। हेयर ट्रीटमेंट के समय उनका ट्रीटमेंट करने वाली लड़की के बालों से अजीब सी खुशबू आ रही थी मैंने उससे पूछा कि आपने क्या लगा रखा है कुछ अजीब सी खुशबू आ रही है, तो उसने कहा उसने तेल में मेथी और कपूर मिला कर लगा रखा है इससे बाल सॉफ्ट हो जाते हैं और जल्दी बढ़ते हैं।
मैं अपनी मित्र की शक्ल देख रही थी जो 2400 रु में अपने बाल अच्छे कराने आई थी
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मेरी रईस कज़िन जिनका बड़ा डेयरी फार्म है उनके फार्म पर गई ।फार्म में करीब 150 विदेशी गाय थी जिनका दूध मशीनों द्वारा निकाल कर प्रोसेस किया जा रहा था। एक अलग हिस्से में 2 देसी गैया हरा चारा खा रही थी। पूछने पर बताया घर उन गायों का दूध नही आता जिनका दुध उनके डेयरी फार्म से सप्लाई होता है बल्कि परिवार के इस्तेमाल के लिए इन 2 गायों का दूध,दही व घी इस्लेमाल होता है।

मै उन लोगों के बारे में सोच रही थी जो ब्रांडेड दूध को बेस्ट मानकर खरीदते हैं
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एक प्रसिद्ध रेस्टुरेंट जो कि अपनी विशिष्ट थाली और शुद्ध खाने के लिए प्रसिद्ध है हम खाना खाने गये।
निकलते वक्त वहां के मैनेजर ने बडी विनम्रता से पूछा मैडम खाना कैसा लगा,हम बिल्कुल शुद्ध घी तेल और मसाले यूज़ करते हैं, हम कोशिश करते हैं बिल्कुल घर जैसा खाना लगे।
मैंने खाने की तारीफ़ की तो उन्होंने अपना विजिटिंग कार्ड देने को अपने केबिन में गये। काउंटर पर एक 3 खण्ड का स्टील का टिफिन रखा था। एक वेटर ने दूसरे से कहा”सुनील सर का खाना अंदर केबिन में रख दे ,बाद में खाएंगे” मैंने वेटर से पूछा क्या सुनील जी यहां नही खाते तो उसने जवाब दिया” सुनील सर कभी बाहर नही खाते, हमेशा घर से आया हुआ खाना ही खाते हैं”

मैं अपने हाथ मे 670 रु के बिल को देख रही थी
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ये कुछ वाकये हैं जिनसे मुझे समझ आया कि हम जिसे सही जीवन शैली समझते हैं वो हमें भृमित करने का जरिया मात्र है। हम मार्केटिंग के बैंक का ATM हैं जिसमें से कुशल मार्केटिंग वाले लोग मोटा पैसा निकाल लेते हैं।

अक्सर जिन चीजों को हमे बेचा जाता है उन्हें बेचने वाले खुद इस्तेमाल नही करते

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