Uncategorized

स्कूली छात्रों की भी जेब काटने पर उत्तरी कैप्टन सरकार -कुलतार सिंह संधवां शिक्षा बोर्ड द्वारा परीक्षा फीसों में की गई भारी वृद्धि को तुरंत वापस लेने की मांग की

चंडीगढ़,रोजाना भास्कर.(हरीश शर्मा)आम आदमी पार्टी (आप) के प्रवक्ता और विधायक कुलतार सिंह संधवां ने शिक्षा विभाग द्वारा परीक्षा फीसों में किए भारी वृद्धि को तुरंत वापिस लेने की मांग करते हुए कहा कि कैप्टन सरकार स्कूली छात्रों की जेब भी काटने लगी है।
    पार्टी हैडक्वाटर द्वारा जारी बयान में संधवां ने कहा कि पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की तरफ से अकादमिक वर्ष 2019-20 की मैट्रिक कक्षा की परीक्षा फीस 1300 रुपए प्रति विद्यार्थी से बढ़ौतरी कर 1800 रुपए कर दी है। जो आम व गरीब परिवारों के विद्यार्थियों के लिए बेहद ज़्यादा है, क्योंकि दो-ढाई सौ रुपए की दिहाड़ी से घर की दाल-रोटी चलाने वाला परिवार अपने बच्चों की इतनी फीस चाह कर भी भरने में असमर्थ हैं।
    संधवां ने बताया कि उन्हें आम घरों से सम्बन्धित माता-पिता की ओर से यह मसला ध्यान में लाने के उपरांत उन्होंने (संधवा) पंजाब के शिक्षा सचिव के पास यह मुद्दा उठाया है, जिन्होंने इस फैसले पर फिर से विचार करने का भरोसा भी दिया है।
    संधवां ने बताया कि यदि सरकार ने फैसले पर फिर से विचार न किया तो विरोधी पक्ष की जिम्मेदारी निभाते हुए ‘आप’ इस मसले को मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के पास उठाएगी और जरूरत पडऩे पर संघर्ष का रास्ता भी अपनाएगी। 
    संधवां ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार की मिसाल देते कहा कि शिक्षा न केवल हर बच्चे का बुनियादी अधिकार है बल्कि कानूनी हक भी है, जिसको पूरा करना सरकारों की जिम्मेदारी है। संधवां ने कहा कि यदि दिल्ली सरकार सीबीएसई की तरफ से बढ़ाईं परीक्षा फीसों से दिल्ली के विद्यार्थियों को राहत देते हुए मुफ्त कर सकती है तो पंजाब सरकार अपने ही बोर्ड की तरफ से फीस वृद्धि को वापिस क्यों नहीं ले सकती।
    संधवां ने सभी सरकारी स्कूलों में हर अमीर-गरीब के लिए बिल्कुल मुफ्त शिक्षा देने की वकालत करते हुए कहा कि शिक्षा की रौशनी ही गरीबी और अज्ञानता का अंधेरा दूर सकता है।
    संधवां ने बताया कि सरकारी स्कूलों में पढ़ते छात्रों से औसतन 3,000 रुपए वार्षिक फीसें ली जा रही हैं। सवा तीन लाख विद्यार्थियों के हिसाब से करीब 100 करोड़ रुपए सिर्फ फीसों से इकठ्ठा होता हैं।
    संधवां ने कहा कि यह बहुत ही शर्म वाली बात है कि आम और गरीब घरों के बच्चे फीस पुरी करने के लिए स्कूलों से छुट्टी या गैर हाजिर रह कर दिहाडिय़ों पर जाने के लिए मजबूर हैं।
    संधवां ने कहा कि एक तरफ सरकार बच्चों की जेबें काटने पर उत्तरी हुई है। दूसरी तरफ रेत माफिया, शराब माफिया, ट्रांसपोर्ट माफिया, लकड़ी माफिया, बिजली माफिया, भू-माफिया समेत अनगिणत तरह के माफिया सरकारी खजाने को हजारों करोड़ रुपए का चूना लगा रहा हैं, इस लिए सरकार माफिया पर लगाम कस कर केजरीवाल सरकार की तर्ज पर शिक्षा, सेहत और पीने वाले पानी की सुविधा मुफ्त और सस्ती बिजली प्रदान करे।
    

LEAVE A RESPONSE

Your email address will not be published. Required fields are marked *