नई दिल्ली । Harish Sharma
(Major Ban on FDC Drugs: Health Ministry Takes Action for Public Safety)
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 12 अगस्त को एक महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी की है, जिसमें 100 से अधिक फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं पर बैन लगाया गया है। ये दवाएं सामान्यतः बुखार, सर्दी, एलर्जी, खुजली, और दर्द के उपचार में इस्तेमाल की जाती हैं। मंत्रालय ने इन दवाओं को इंसानों के लिए बेहद खतरनाक बताते हुए उनके सुरक्षित विकल्पों की उपलब्धता का भी उल्लेख किया है।
कौन-कौन सी दवाएं हुईं बैन?
बैन की गई दवाओं में प्रमुख दवाएं शामिल हैं, जैसे एसिक्लोफेनाक 50 मिलीग्राम + पैरासिटामोल 125 मिलीग्राम टैबलेट, मैफेनैमिक एसिड + पैरासिटामोल इंजेक्शन, सिटीरिजिन एचसीएल + पैरासिटामोल + फिनाइलफ्राइन एचसीएल, और कैमिलोफिन डाइह्राइड्रोक्लोराइड 25 मिलीग्राम + पैरासिटामोल 300 मिलीग्राम। इन दवाओं को मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक माना गया है और उनकी बिक्री एवं वितरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।
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डीटीएबी की जांच और सिफारिशें
ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (DTAB) ने भी इन FDC दवाओं की जांच की और इन्हें इंसानों के लिए हानिकारक बताते हुए बैन की सिफारिश की थी। मंत्रालय ने बताया कि इन दवाओं का तर्कहीन उपयोग स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे पैदा कर सकता है। इससे पहले, जून 2023 में भी 14 FDC दवाओं पर बैन लगाया गया था।
2016 में भी लगा था बैन
यह पहली बार नहीं है जब FDC दवाओं पर बैन लगाया गया है। 2016 में, 344 दवाओं के वितरण और बिक्री पर रोक लगाई गई थी, जिसमें से कुछ FDC दवाएं भी शामिल थीं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पैनल ने बिना वैज्ञानिक प्रमाण के इन दवाओं की बिक्री पर रोक लगाने का आदेश दिया था।
सरकार का सख्त कदम
सरकार का यह कदम आम जनता के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से उठाया गया है। लोगों से अपील की गई है कि वे इन दवाओं का उपयोग न करें और अपने डॉक्टर से सलाह लेकर सुरक्षित विकल्पों का चयन करें।