रोजाना भास्कर (जालंधर): से एक बड़ी और चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जिसने पंजाब की सियासत को गर्मा दिया है। पूर्व सांसद सुशील रिंकू और पंजाब सरकार में पूर्व मुख्य संसदीय सचिव (सीपीएस) केडी भंडारी को पुलिस ने अचानक हिरासत में ले लिया है। सुशील रिंकू को जालंधर के आदमपुर क्षेत्र से जबकि केडी भंडारी को शाहकोट से हिरासत में लिया गया। दोनों ही क्षेत्र जिला जालंधर के अंतर्गत आते हैं।
इस कार्रवाई की अभी तक प्रशासन या पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है और न ही यह स्पष्ट किया गया है कि हिरासत में लेने का कारण क्या है। लेकिन भाजपा नेताओं का दावा है कि दोनों नेता केंद्र सरकार की योजनाओं और विकास कार्यक्रमों को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में जन-जागरूकता अभियान चला रहे थे।
वे गांव-गांव जाकर कैंप लगा रहे थे और लोगों को सरकारी स्कीमों के लाभ के बारे में जानकारी दे रहे थे। इसी दौरान पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया, जिससे पूरे जिले में राजनीतिक तनाव फैल गया।
भाजपा नेताओं ने इस कार्रवाई को पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया है। पार्टी ने प्रशासन पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया है और कहा है कि अगर शांतिपूर्वक तरीके से जनता को जागरूक करना अपराध है, तो यह लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक संकेत है।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है और मांग की है कि हिरासत में लिए गए नेताओं को तुरंत रिहा किया जाए। पार्टी का कहना है कि प्रशासनिक दखल से डराकर विपक्ष की आवाज को नहीं दबाया जा सकता।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद जालंधर के राजनीतिक माहौल में तनाव बढ़ गया है। आम जनता भी जानना चाह रही है कि शांतिपूर्ण जनसंपर्क अभियान चलाने वाले नेताओं को आखिर किस आधार पर हिरासत में लिया गया।
अब सभी की निगाहें प्रशासन के अगले कदम और पुलिस की ओर से आने वाले आधिकारिक बयान पर टिकी हैं।