पंजाब में मनरेगा की गड़बड़ियों की होगी जांच, केंद्र से भेजी जाएगी टीम; स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 5 लाख बहनों के लिए विशेष पैकेज: केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान
मंत्री सौंद ने कहा, पंजाब में 3000 से अधिक खेल मैदान, 2800 नई आंगनवाड़ी इमारतें राज्य में ग्रामीण विकास को देंगी बढ़ावा
जालंधर, रोजाना भास्कर (हरीश शर्मा): पंजाब के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने गुरुवार को केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मनरेगा योजना के तहत केंद्र सरकार के पास बकाया 250 करोड़ रुपये तुरंत जारी करने की जोरदार अपील की। केंद्रीय मंत्री के साथ समीक्षा बैठक के बाद जिला प्रशासकीय परिसर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सौंद ने कहा कि मटीरियल कंपोनेंट के तहत रोके गए फंड के कारण पंजाब में इस महत्वपूर्ण ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू करने में गंभीर बाधा उत्पन्न हुई है।

मजदूरी में समानता की मांग करते हुए कैबिनेट मंत्री ने केंद्रीय मंत्री से मनरेगा के तहत काम करने वाले राज मिस्त्रियों की मजदूरी में संशोधन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हरियाणा में राज मिस्त्री को 400 रुपये प्रतिदिन मिलते हैं, जबकि पंजाब में राज मिस्त्री को केवल 346 रुपये मजदूरी दी जा रही है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि महंगाई और मजदूरी दरों में वृद्धि के कारण इतनी कम मजदूरी पर कुशल मिस्त्री मिलना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि दोनों पड़ोसी राज्यों के बीच यह भेदभाव खत्म होना चाहिए।
पारदर्शिता बढ़ाने और भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए पंजाब की पहल पर प्रकाश डालते हुए श्री सौंद ने बताया कि राज्य देश में मनरेगा कर्मियों के लिए चेहरे की पहचान (फेस रिकॉग्निशन) और जियो-टैगिंग आधारित हाजिरी प्रणाली शुरू करने वाला पहला राज्य बन गया है।
उन्होंने कहा कि यह पायलट प्रोजेक्ट, जो वर्तमान में फतेहगढ़ साहिब में चल रहा है, जल्द ही सभी 23 जिलों में लागू कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार द्वारा भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए व्यापक स्तर पर कार्रवाई की जा रही है, जिसके परिणामस्वरूप पिछली सरकारों के दौरान मनरेगा में अनियमितताओं से जुड़े 23 अधिकारियों/कर्मचारियों को निलंबित किया गया है।
उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों से 2 करोड़ रुपये भी वसूल किए गए है। सौंद ने केंद्र सरकार से भारी बारिश से हुए नुकसान की सहायता के रूप में पहले घोषित 1600 करोड़ रुपये के बकाया बाढ़ राहत फंड जारी करने की अपील की। उन्होंने कहा कि बार-बार याद दिलाने के बावजूद एक भी रुपया जारी नहीं किया गया, जो भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा पंजाब के साथ सौतेले मां जैसे व्यवहार को दर्शाता है।
इससे पहले कैबिनेट मंत्री ने केंद्रीय मंत्री को पंजाब सरकार की चल रही पहलों के बारे में जानकारी दी, जिसमें पूरे राज्य में 3,000 से अधिक खेल मैदानों का निर्माण और 2,800 से अधिक नए आंगनवाड़ी केंद्रों का निर्माण शामिल है। उन्होंने दोहराया कि यह प्रोजेक्ट राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास को बड़ा बल देंगे।
प्रधानमंत्री आवास और आजीविका योजनाओं का त्वरित लाभ पंजाब को मिल रहा है, मनरेगा में 100 से बढ़ाकर 150 दिन का रोजगार, पंजाब के लिए विशेष राहत- केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह शिवराज सिंह
बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए मकानों पर अलग से सहायता- शिवराज सिंह
किसानों को मुफ्त कनक बीज के लिए 74 करोड़ रु. की स्वीकृति, बरसीम के 2,500 क्विंटल बीज वितरण की अलग व्यवस्था
केंद्र सरकार पंजाब के समग्र विकास के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है- शिवराज सिंह
जालंधर/नई दिल्ली। केंद्रीय ग्रामीण विकास तथा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार पंजाब प्रवास के दौरान जालंधर में ग्रामीण विकास मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की और हितग्राहियों से संवाद किया। इसके बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि पंजाब में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में गड़बड़ियों और अनियमितताओं की शिकायतें मिली हैं, जिनकी जांच के लिए केंद्र सरकार की ओर से एक दल भेजा जाएगा। चौहान ने स्पष्ट किया कि मनरेगा गरीबों और ग्रामीण मजदूरों की आजीविका से सीधे जुड़ी योजना है, इसलिए इसमें एक रुपये की भी हेराफेरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जहां भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शिवराज सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार पंजाब के समग्र विकास के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है और प्रधानमंत्री आवास योजना सहित केंद्र की सभी योजनाओं का त्वरित लाभ पंजाब को दिया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि सामान्यतः मनरेगा योजना के तहत ग्रामीण मजदूरों को 100 दिन का रोजगार दिया जाता है, लेकिन पंजाब में बाढ़ के कारण फसलें खराब होने और खेतों में काम के अवसर घटने की आशंका को देखते हुए यहां विशेष व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि पंजाब के लिए मनरेगा में रोजगार के दिन बढ़ाकर 150 दिन किए जाने के आदेश जारी किए गए हैं, जिससे जरूरत पड़ने पर मजदूरों को अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराया जा सके।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र की इस पहल को स्वीकार किया है और अब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जरूरतमंद मजदूरों को अधिक दिनों का रोजगार समय पर मिले। उन्होंने जोर देकर कहा कि ग्रामीण परिवारों को कठिन समय में आर्थिक सुरक्षा देना केंद्र सरकार की प्राथमिकता है।

साथ ही, शिवराज सिंह ने यह भी कहा कि पंजाब में मनरेगा के क्रियान्वयन को लेकर गंभीर शिकायतें सामने आई हैं, जिनमें फर्जी जॉब कार्ड बनना, ठेकेदारों के माध्यम से काम कराया जाना, काम मांगने के बावजूद मजदूरों को रोजगार न मिलना और नहरों की सफाई जैसे कार्यों में बिना वास्तविक काम के भुगतान जैसी अनियमितताएं शामिल हैं। उन्होंने साफ कहा कि मनरेगा की धनराशि ठेकेदारों या बिचौलियों के लिए नहीं, बल्कि गरीब मजदूरों को रोजगार देने के लिए है, इसलिए ऐसे सभी मामलों की गहन जांच कर दोषियों को दंडित करना जरूरी है।

शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि केंद्र सरकार पंजाब में मनरेगा के लिए अब तक कुल 6 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि उपलब्ध करा चुकी है और इसी वित्त वर्ष में राज्य को 842 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया कि जिन जिलों से शिकायतें आई हैं, वहां तत्काल जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों पर कार्रवाई की जाए, जबकि केंद्र की टीम भी मौके पर जाकर जांच-पड़ताल करेंगी, ताकि यदि कहीं मनरेगा का पैसा गलत हाथों में गया हो तो उसे रोका जा सके और गरीब मजदूरों को उनका पूरा हक दिलाया जा सके।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि ग्रामीण सड़कों, पेयजल, आवास और आजीविका बढ़ाने वाली योजनाओं के जरिए गांवों के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा रहा है। श्री चौहान ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत चल रहे आजीविका मिशन का जिक्र करते हुए कहा कि पंजाब में बड़ी संख्या में स्वयं सहायता समूह (सेल्फ हेल्प ग्रुप) सक्रिय हैं, जिनसे लगभग 5 लाख बहनें जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि हाल की बाढ़ की स्थिति को देखते हुए इन बहनों के लिए विशेष पैकेज दिया गया है, ताकि वे अपने कार्यों को सुचारू रूप से जारी रख सकें और आजीविका के साधन मजबूत कर सकें। श्री चौहान ने कहा कि विशेष सहायता से स्वयं सहायता समूहों की बहनों के छोटे-छोटे व्यवसाय और आजीविका से जुड़े काम पूरे हो सकेंगे।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बाढ़ से प्रभावित परिवारों के मकानों पर समीक्षा के बाद केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने कहा कि पंजाब सरकार ने पहले 14 हजार और बाद में 36 हजार मकानों की सूची केंद्र को भेजी, जिनमें से लगभग 30 हजार आवासों की स्वीकृति हो चुकी है, जबकि करीब 6 हजार स्वीकृतियां लंबित हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि बाढ़ में जिन गरीब परिवारों के घर टूट गए हैं, उनके मकान राज्य द्वारा तुरंत स्वीकृत कर बनाए जाने चाहिए और इस प्रक्रिया में किसी तरह की देरी स्वीकार नहीं की जाएगी।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने यह भी रेखांकित किया कि पिछले वर्षों में केंद्र सरकार की ओर से पंजाब के एक लाख से अधिक गरीब परिवारों के लिए आवास स्वीकृत किए गए थे, लेकिन उनमें से केवल लगभग 76 हजार की ही स्वीकृतियां राज्य द्वारा जारी हो पाई हैं। उन्होंने राज्य सरकार से स्पष्ट किया कि या तो शेष पात्र लाभार्थियों को तुरंत स्वीकृति दी जाए या यदि किसी मामले में अपात्रता है तो उसे समयबद्ध तरीके से दर्ज कर केंद्र को बताया जाए, ताकि किसी भी वास्तविक पात्र गरीब परिवार का पक्का घर बनने से न रह जाए। उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण में सहायता देने के लिए भी विशेष पैकेज स्वीकृत किया गया है, ताकि जिनके घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें शीघ्र राहत मिल सके।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि पंजाब के किसानों को बाढ़ से हुए फसल नुकसान की भरपाई के लिए भी केंद्र सरकार ने ठोस कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि किसानों को कनक के बीज मुफ्त में वितरित करने के लिए 74 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, जबकि बरसीम के बीज के लिए भी अलग बजट दिया गया है, ताकि लगभग 12,500 क्विंटल बीज का वितरण किया जा सके और बुवाई में किसानों को किसी तरह की दिक्कत न हो। उन्होंने कहा कि यह सहायता कोई एहसान नहीं, बल्कि पंजाब की जनता की विनम्र सेवा की भावना से दिया जा रहा सहयोग है।
चौहान ने कहा कि कृषि विभाग और ग्रामीण विकास विभाग, दोनों की ओर से पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं, ताकि बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में किसान और ग्रामीण परिवार जल्दी सामान्य स्थिति में लौट सकें। आजीविका मिशन पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के सुचारू क्रियान्वयन के लिए भारत सरकार लगातार पंजाब सरकार के साथ सहयोग कर रही है। स्वयं सहायता समूहों की क्षमता बढ़ाने, सस्ती ऋण सुविधा और मार्केट लिंक प्रदान करने के लिए भी केंद्र की विभिन्न योजनाओं को जोड़ा जा रहा है।
चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार पंजाब के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेगी और राज्य के किसानों, मजदूरों तथा ग्रामीण परिवारों के हितों की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के लिए केंद्र की यह प्रतिबद्धता केवल घोषणाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि धरातल पर चल रही योजनाओं और स्वीकृत आर्थिक पैकेजों में साफ दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब की जनता की सेवा के इसी लक्ष्य के साथ वे बार-बार राज्य के दौरे पर आते रहेंगे और योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति की स्वयं समीक्षा करते रहेंगे। चौहान ने जालंधर प्रवास के दौरान हुई बैठक के संदर्भ में उम्मीद जताई कि केंद्र और राज्य के समन्वित प्रयास से पंजाब के गांव आने वाले समय में और अधिक सक्षम और समृद्ध बनेंगे।
इस मौके इस मौके पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़,प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष अश्वनी शर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील शर्मा,राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मनोरंजन कालिया,प्रदेश महामंत्री राकेश राठौर, अनिल सरीन, प्रदेश उपाध्यक्ष केडी भंडारी,पूर्व विधायक शीतल अंगुराल और सरबजीत सिंह मक्कड़ जगबीर बराड़,जिला महामंत्री अशोक सरीन हिक्की, राजेश कपूर, अमरजीत सिंह गोल्डी आदि मौजूद थे।














