हरीश शर्मा, जालंधर (रोजाना भास्कर): दीपावली से पहले लगने वाले अस्थायी पटाखा बाज़ार को लेकर शहर में एक बार फिर माहौल गर्म है। पुलिस कमिश्नर धनप्रीत कौर की अधिसूचना के बाद पुलिस विभाग ने स्वास्थ्य विभाग, दमकल विभाग, पंजाब बिजली बोर्ड, नगर निगम समेत तमाम ज़िम्मेदार विभागों को NOC (अनापत्ति प्रमाण पत्र) की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दे दिए हैं। वहीं, नगर निगम ने दुकानों के नक्शों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया तेज़ कर दी है।
सूत्रों की मानें तो इस बार भी सरदार बेयंत सिंह पार्क में पटाखा बाज़ार लगना तय माना जा रहा है, लेकिन खालसा कॉलेज के पास वाली जगह को लेकर अभी भी असमंजस बना हुआ है।
लेकिन इस सबके बीच सबसे बड़ा सवाल शहरवासियों के बीच यही है — “क्या इस बार भी कागज़ों पर कम लाइसेंस और ज़मीन पर ज़्यादा दुकानों का खेल चलेगा?”
पिछले वर्षों की तरह इस बार भी स्वीकृत दुकानों से कहीं ज़्यादा दुकानें खुलने की आशंका जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि इसके पीछे प्रशासन और व्यापारियों की मिलीभगत है, जो न केवल सुरक्षा नियमों की धज्जियाँ उड़ाती है, बल्कि सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान भी पहुंचाती है।
सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि पिछले साल इसी पटाखा बाज़ार में बड़े स्तर पर GST चोरी का मामला सामने आया था। सूत्रों का दावा है कि इस बार इस घोटाले का खुलासा ज़ोरदार तरीके से होगा, जिससे प्रशासन और राजनीति दोनों में भूचाल आ सकता है।
अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या प्रशासन इस बार सख़्ती बरतेगा या फिर वही पुराना खेल दोहराया जाएगा? शहर के व्यापारी, आम लोग और अधिकारी — सभी इस पूरे मामले पर पैनी नज़र बनाए हुए हैं।