रोजाना भास्कर (चंडीगढ़): तलाक केस में लड़की पक्ष के फेवर में फैसला करवाने के लिए 30 लाख रुपए की रिश्वत मांगने का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। इस केस में चंडीगढ़ सीबीआई की टीम ने अब बठिंडा कोर्ट के उस जज को भी जांच के दायरे में शामिल कर लिया है, जिसके नाम पर एडवोकेट जतिन सालवान और दलाल ने शिकायतकर्ता पक्ष से 30 लाख रुपए की डील करने की कोशिश की थी।
चंडीगढ़ सीबीआई टीम ने बठिंडा जाकर जज से बंद कमरे में कई घंटे पूछताछ की। पूछताछ के दौरान जज से 20 से ज्यादा सवाल किए गए। जज ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार कर दिया और कहा कि उन्हें इस रिश्वत प्रकरण की कोई जानकारी नहीं है।
सीबीआई ने बार-बार रिकार्डिंग का हवाला दिया जिसमें केवल उसी जज का नाम लिया गया है।
ऐसे में माना जा रहा है कि जज की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। जांच एजेंसी अब पूछताछ के आधार पर चार्जशीट में जज का नाम भी शामिल कर सकती है।
हाईकोर्ट में भी उठा सवाल
इस केस में आरोपी एडवोकेट जतिन सालवान ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है। मंगलवार, 30 सितंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट मांगी।
कोर्ट ने पूछा- क्या बठिंडा कोर्ट के ज्यूडिशियल अधिकारी से पूछताछ हो चुकी है तो सीबीआई ने जवाब दिया- जी, पूछताछ कर ली गई है और उन्हें जांच में शामिल कर लिया गया है।
कोर्ट ने चार्जशीट पर भी सवाल किया। सीबीआई ने बताया कि अक्टूबर के दूसरे सप्ताह तक चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी। कोर्ट ने आदेश दिया कि चार्जशीट 13 अक्टूबर तक दाखिल की जाए। जमानत याचिका पर फैसला भी चार्जशीट दाखिल होने के बाद ही सुनाया जाएगा।