बड़ी खबर: अब 20 साल पुराने वाहन भी सड़कों पर दौड़ेंगे, लेकिन चुकानी होगी भारी कीमत!

रोजाना भास्कर (नई दिल्ली/चंडीगढ़): केंद्र सरकार ने 20 साल या उससे अधिक पुराने वाहनों को चलाने की अनुमति दे दी है, लेकिन इसके लिए वाहन मालिकों को ज्यादा रजिस्ट्रेशन शुल्क देना होगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने इस संबंध में नया नोटिफिकेशन जारी किया है। हालांकि, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में यह नियम लागू नहीं होगा, क्योंकि वहां 15 साल पुराने वाहनों के संचालन पर पहले से ही प्रतिबंध है।

सरकार ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में संशोधन कर रजिस्ट्रेशन नवीनीकरण शुल्क को विभिन्न श्रेणियों के हिसाब से बढ़ा दिया है। फरवरी में मसौदा जारी कर जनता से आपत्तियां मांगी गई थीं, जिन्हें ध्यान में रखते हुए 21 अगस्त को अंतिम नियम जारी किए गए। ये नियम सरकारी गजट में प्रकाशित होने के बाद प्रभावी होंगे।

शुल्क में भारी इजाफा – किस वाहन पर कितना लगेगा?

20 साल पुरानी मोटरसाइकिल: शुल्क 1,000 रुपये से बढ़ाकर 2,000 रुपये

तिपहिया और क्वाड्रिसाइकिल: शुल्क 3,500 रुपये से बढ़कर 5,000 रुपये

हल्के मोटर वाहन (LMV): शुल्क 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये

आयातित दोपहिया या तिपहिया वाहन: शुल्क 20,000 रुपये

आयातित चार या अधिक पहियों वाले वाहन: शुल्क 80,000 रुपये

सरकार का उद्देश्य क्या है?

यह कदम पुराने वाहनों को सड़कों से हटाने और लोगों को नई, प्रदूषण रहित गाड़ियां अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। मंत्रालय का मानना है कि इससे पर्यावरण संरक्षण को भी बल मिलेगा और सड़क सुरक्षा भी बेहतर होगी।

पहले भी बढ़ चुके हैं शुल्क

यह पहला मौका नहीं है जब सरकार ने पुराने वाहनों के रजिस्ट्रेशन शुल्क में बढ़ोतरी की हो। अक्टूबर 2021 में भी मोटरसाइकिल, तिपहिया और कारों के लिए शुल्क में इजाफा किया गया था।

नया नियम पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में एक और कदम है, लेकिन वाहन मालिकों के लिए यह जेब पर भारी पड़ सकता है।